माइनिंग सेक्टर में आगे बढ़ता राजस्थान
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
माइनिंग सेक्टर में राजस्थान देश-दुनिया का प्रमुख केन्द्र बन कर उभर रहा है। राजस्थान में 82 प्रकार के मिनरल के संकेत मिलते हैं। 57 मिनरल की खोज और खनन का कार्य चल रहा है। रेयर अर्थ एलिमेंट आरईई के संकेत मिलने के साथ राजस्थान तेजी से दुनिया के नक्शे पर उभरा है। राज्य सरकार ने भी माइनिंग सेक्टर को अपनी प्राथमिकता में रखा है। यही कारण है कि पिछले सवा साल में राजस्थान माइनिंग सेक्टर में नित नए आयाम स्थापित करते हुए आगे बढ़ रहा है। माइनिंग सेक्टर की महती भूमिका को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने खान मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रखी और कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में पिछले सवा साल में माइनिंग सेक्टर ने खनिज खोज से लेकर माइनर एवं मेजर मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन, एमनेस्टी योजना, ड्रोन सर्वे, एकबारीय समाधान योजना, नई और प्रगतिशील खनिज नीति, एम-सेंड नीति, माइनिंग सेक्टर में औद्योगिक निवेश और रोजगार के विपुल अवसर सृजित करने के अवसर विकसित कर दिए हैं। इसके साथ ही पारदर्शी व्यवस्था और प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे है।
समय की मांग को देखते हुए ही आरईई और सेरेमिक आधारित एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं तो खनिज एक्सप्लोरेशन को गति देने के लिए राजस्थान मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन के गठन की बजटीय घोषणा की गई है। राजस्थान माइनिंग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त अथक प्रयासों से धरातल पर ठोस परिणाम प्राप्त करने में जुटे हैं। यही कारण है कि राजस्थान आज देश का माइनिंग सेक्टर में प्रमुख प्रदेश बन गया है। मिनरल एक्सप्लोरेशन से लेकर माइन्स ऑक्शन के क्षेत्र में नित नए आयाम बन रहे हैं तो निवेश, रोजगार और राजस्व की दृष्टि से राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में रिकार्ड राजस्व अर्जन के साथ ही राजस्व अर्जन की विकास दर में भी नया कीर्तिमान बनाया गया है। 2017 में केन्द्र सरकार ने तय किया कि देश में सभी जगह माइनिंग मिनरल्स की खुले ऑक्शन के माध्यम से ही दिए जाएंगे। इससे बहुत हद तक माइनिंग मिनरल्स की बंदर बांट पर रोक लग सकी। केन्द्र सरकार ने मेजर मिनरल्स के ऑक्शन की स्वयं के स्तर पर भी मोनेटरिंग आरंभ कर व्यवस्था को पारदर्शी और खनिज प्रधान प्रमुख राज्यों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा की राह प्रशस्त की है। इसे देश के खनिज क्षेत्र का अग्रणी कदम माना जा सकता है। मेजर मिनरल के ऑक्शन में पिछले एक साल में राजस्थान ने तेजी से काम किया है और राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ठ उपलब्धि हासिल की है।
आज दुनिया के देशों की माइनिग सेक्टर पर अधिक नजर है। खासतौर से अमेरिका तो खनिज बहुल क्षेत्रों में आंखें गड़ाए ही बैठा है वह चाहे यूक्रेन हो, कनाड़ा हो या ग्रीन लैंड। तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि रूस यह चाहता है कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज को लेकर कोई समझौता ना हो। मगर यूक्रेन ने समझौता कर लिया है। दूसरी और चीन आज खनिज संपदा के चलते ही समूचे विश्व बाजार पर लगभग एकाधिकार की स्थिति में हैं। दरअसल जिस तरह से दुनिया में नए गजेट्स आने लगे हैं, इलेक्ट्रिक वाहन, कार्बन उत्सर्जन के स्तर को कम करने और पर्यावरण को प्रभावित करने वाले उत्पादों के कम उपयोग पर जोर दिया जाने लगा है, उसके कारण खनिज संपदा संपन्न देशों का महत्व और अधिक बढ़ता जा रहा है। चीन के लगभग एकाधिकार के कारण दुनिया के देश त्रस्त भी हैं। हमारे देश और राजस्थान में भी प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा है। माइनिंग सेक्टर आज उभरता हुआ सेक्टर है। निवेश, रोजगार और राजस्व की दृष्टि से खनिज संपदा का महत्व बढ़ता जा रहा है।
यही कारण है कि भारत सरकार ने क्रिटिकल मिनरल ब्लाकों की नीलामी अपने हाथ में ली है तो मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्य में निजी प्लेयर्स की भी भागीदारी तय की जा रही है। समूचे देश में पिछले एक दशक में मिनरल एक्सप्लोरेशन के कार्य में तेजी आई है। हमारे देश में सतत खनन विकास पर जोर दिया जाने लगा है और 2016-17 से मेजर हो या माइनर मिनरल सभी माइंस नीलाम करना अनिवार्य कर दिया गया है। बदली परिस्थितियों में यह भी साफ हो जाना चाहिए कि सरकारों की इच्छा शक्ति पर बहुत कुछ निर्भर करता है। इसका ताजातरीन उदाहरण राजस्थान सरकार और राजस्थान का खान एवं भूविज्ञान मंत्रालय है। देश-दुनिया में माइनिंग सेक्टर को नई पहचान देने के कारगर प्रयास राजस्थान में भजन लाल शर्मा सरकार ने कर के दिखाया है। केवल एक साल की समयावधि में ही माइनिंग सेक्टर में राजस्थान समूचे देश में लंबी छलांग लगाने लगा है। दिसंबर, 24 में सरकार ने कार्यभार संभालते ही माइनिंग सेक्टर में सरकार ने साफ संदेश दे दिया कि खनिज बहुल क्षेत्रों की एक्सप्लोरेशन रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए डेलिनियेशन और प्लॉट व ब्लॉक तैयार करने के कार्य को प्राथमिकता दी जाए और विभाग इन तैयार प्लॉटों व ब्लॉकों की नीलामी का रोडमेप बनाकर पारदर्शी ऑक्शन प्रक्रिया को अमली जामा पहुंचाएं।
सरकार की मंशा के अनुसार, विभागीय अमला भी जुट गया और नई सरकार बनने के तीन माह में ही 15 मेजर मिनरल ब्लॉकों का भारत सरकार के पोर्टल पर ई-नीलामी की गई तो एक साल से कुछ ही अधिक समय में नई सरकार बनने के बाद के जनवरी, 25 तक 15 ब्लॉकों सहित 15 जोड़ 34 ब्लॉक कुल 49 मेजर मिनरल ब्लॉकों की सफल नीलामी कर नया इतिहास रचा गया। राज्य सरकार की उपलब्धि को केन्द्र सरकार द्वारा भी सराहा गया और इसी 20 जनवरी को ओडिशा के कोणार्क में आयोजित नेशनल मांइस मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में वर्ष 2023-24 में देश में सर्वाधिक मेजर मिनरल ब्लॉक के ऑक्शन करने पर राजस्थान को प्रथम पुरस्कार देकर राजस्थान के प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
राजस्थान खनिजों की दृष्टि से समृद्ध प्रदेश है। राज्य सरकार ने एक बात साफ समझी है कि बेशकीमती खनिजों के अवैध खनन पर अंकुश लगाने का सबसे कारगर तरीका खनिज क्षेत्रों के ब्लॉक या प्लॉट तैयार कर इन्हें पारदर्शी तरीके से ई पोर्टल के माध्यम से नीलाम किया जाए। इससे बहुत हद तक बेशकीमती खनिजों के अवैध खनन को रोका जा सकता है। वैध खननधारक पर भी अवैध खनन गतिविधियों के लिए अब राज्य सरकार ड्रोन से एसेसमेंट अनिवार्य करने जा रही है। इसी तरह के अन्य सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। माइनर मिनरल और लाइसेंसधारी खानों के माइनिंग प्लान और माइनिंग योजनाओं का ऑनलाइन अनुमोदन इस दिशा में बढ़ता नया कदम है। ऐसे में राजस्थान ही नहीं देश के खनिज प्रधान अन्य राज्यों की सरकारों को भी एग्रेसिव कदम उठाने होंगे ताकि देश की खनिज संपदा के अवैध खनन से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इसके साथ ही वैध खनन और सस्टेनेबल माइनिंग पर जोर देकर खनिज संपदा का बेहतर दोहन हो सके।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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