एसएनके पान मसाला समूह पर जारी आयकर विभाग की छापेमारी का सिलसिला अब छठे दिन में प्रवेश कर चुका है। पिछले दिनों के घटनाक्रम में इस समूह के विभिन्न ठिकानों पर की गई छापेमारी का दौर समाप्त हो गया है, हालांकि अब भी चार स्थानों पर कार्रवाई जारी है। इसमें पान मसाला समूह के प्रमुख नवीन कुरेले के निवास स्थान, पनकी की फैक्ट्रियों और रनियां स्थित फैक्ट्री शामिल हैं। आइए, इस रिपोर्ट में हम विस्तार से जानते हैं इस छापेमारी की प्रक्रिया और उसके परिणामों के बारे में।

आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान लगभग 500 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। इस कार्रवाई के दौरान, अधिकारियों ने समूह के निकट के कारोबारियों और उन सभी स्थलों पर अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर छापेमारी की। कानपुर में जिन 20 स्थानों पर छापेमारी शुरू की गई थी, उनमें अब महज 4 स्थानों पर कार्रवाई चल रही है, बाकी स्थानों पर यह कार्रवाई खत्म हो चुकी है। अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी में मिली जानकारी से यह सिद्ध हुआ है कि समूह द्वारा लंबी अवधि से टैक्स की चोरी की जा रही थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, समूह की गतिविधियों में नौकरों के नाम पर भी करोड़ों रुपए की संपत्तियां बनाई गई थीं। ऐसे 8 नौकरों के नामों का पता चला है, जिनकी संपत्तियां संदिग्ध मानी जा रही हैं। इन संपत्तियों के संबंध में विवरण और लिए गए बयान की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और मुंबई में भी कुर्क की गई संपत्तियों की भरपूर मात्रा मिली है, जो इस समूह की काली कमाई को दर्शाती हैं।

आयकर विभाग ने इस छापेमारी को सफल बताया है और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच और डेटा रिकवरी भी की जा रही है। जानकारी के अनुसार, कई ऐसे डेटा मिले हैं जो कि डिलीट किए गए थे, और इन डेटा में काली कमाई के महत्वपूर्ण ब्योरे छिपे हुए हैं। इसलिए, एक्सपर्ट इन डेटा के पुनर्प्राप्ति के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। इस पूरे मामले से यह स्पष्ट है कि समूह ने अपनी आय को छुपाने और टैक्स से बचने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लिया था।

इसके साथ ही, रिपोर्टों में पाया गया है कि कन्नौज में एक इत्र कारोबारी के ठिकाने से 15 किलो सोना और 22 करोड़ रुपए की नकद राशि बरामद हुई है, जिससे समूह का कारोबार और इसकी गहराई साबित होती है। इससे स्पष्ट होता है कि यह सिर्फ एक पान मसाला समूह की कहानी नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी कई अन्य अनियमितताओं और जांच की आवश्यकता भी उपस्थित होती है। इसी तरह की कई छापेमारी पिछले साल भी की गई थी, जिसमें करोड़ों की टैक्स चोरी के तथ्य सामने आए थे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और क्या इस समूह के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।

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