भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन को एक महीना हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने रतन टाटा को लेकर एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत संबंध और रतन टाटा के नेशन फर्स्ट भावना के साथ काम करने के तरीकों की तारीफ की और युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘रतन टाटा को अंतिम विदाई दिए हुए करीब एक महीना बीत चुका है। भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा और यह सभी देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके असाधारण जीवन और अतुलनीय योगदान को समर्पित मेरा यह आलेख…’
रतन टाटा को लेकर लिखे लेख में पीएम मोदी ने अपने व्यक्तिगत संबंध के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, ‘व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला। हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया। वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे।
जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे। स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे। वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है। यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को युवाओं और नवाचार के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने अपनी लेख में लिखा, ‘युवाओं के लिए, रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके। रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।
रतन टाटा, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे। वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।’
पीएम मोदी ने रतन टाटा के नेशन फर्स्ट भावना के साथ काम करने की तारीफ की। उन्होंने लिखा, ‘रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा। 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना, इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था। उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि – भारत रुकेगा नहीं…भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है।’