लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में समाजवादी पार्टी उतर चुकी है। समाजवादी पार्टी द्वारा मंगलवार को जहां 16 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी समाजवादी पार्टी द्वारा सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
बताया जा रहा है कि इसे लेकर लखनऊ में वाराणसी के रहने वाले समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी की एक बैठक बुलाई गई थी। बैठक में वाराणसी के सभी वरिष्ठ नेताओं से अखिलेश यादव ने खुद राय मशविरा लिया।उसके बाद मंगलवार शाम 16 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करने के बाद पार्टी कार्यालय द्वारा वाराणसी लोकसभा सीट का प्रभारी पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को बनाया गया। इसके अलावा मिर्जापुर लोकसभा सीट की जिम्मेदारी नरेश उत्तम पटेल को सौंपी गई है।
कहा यह भी जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के तहत यदि वाराणसी लोकसभा सीट सपा के खाते में आती है तो इस सीट पर सुरेंद्र पटेल को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। फिलहाल पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल को वाराणसी लोकसभा सीट का प्रभारी बनाए जाने के बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा उन्हें बधाई दी जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वाराणसी और मिर्जापुर समेत आसपास के जनपदों में कुर्मी की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में समाजवादी पार्टी द्वारा वाराणसी और मिर्जापुर में क्रमशः सुरेंद्र सिंह पटेल और नरेश उत्तम पटेल को प्रभारी नियुक्त करके कुर्मी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए सपा हाईकमान ने यह फैसला लिया है।
बात करें वाराणसी लोकसभा की तो वाराणसी के सेवापुरी और रोहनिया विधानसभा कुर्मी वोटरों का गढ़ है। सेवापुरी विधानसभा से सुरेंद्र सिंह पटेल विधायक रह चुके हैं, इसके अलावा और रोहनिया विधानसभा से उनके भाई महेंद्र सिंह पटेल भी विधायक रह चुके हैं।
सुरेंद्र पटेल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी द्वारा सेवापुरी विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किए गए थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सिंबल से अपना दल यस के नेता नील रतन पटेल नीलू को मैदान में उतारा गया था।
चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल द्वारा मीडिया कर्मियों से बात करते हुए 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने का दावा किया गया था। वहीं सेवापुरी विधानसभा को लेकर मीडिया कर्मियों द्वारा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि इस बार उनकी जीत पक्की है। यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके सामने चुनाव लड़ेंगे तो हार जाएंगे। हालांकि मतगणना के बाद सुरेंद्र सिंह पटेल को करारी हार का सामना करना पड़ा था।