प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अपनी ‘वोट बैंक’ की राजनीति के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
उन्होंने दावा किया कि 2014 के चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वोटों के लिए 123 बहुमूल्य संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं।
मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने शहर में कांग्रेस-आप गठबंधन को अवसरवादी बताया और कहा, ‘दुनिया देख रही है कि एक भ्रष्ट पार्टी, दूसरी भ्रष्ट पार्टी को कैसे बचा रही है।’
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अगर उनका कोई वारिस है तो वह 140 करोड़ भारतीय हैं, जिनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्होंने खुद को समर्पित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका हर पल देश के लिए है और उनका जीवन अपने नागरिकों के सपनों को साकार करने के लिए समर्पित है।
मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejiwal) के बार-बार किए गए उन दावों के बीच आई है कि प्रधानमंत्री अगले साल 75 वर्ष के होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह को पद सौंप देंगे।
केजरीवाल ने दावा किया है कि मोदी ने शाह को अपना उत्तराधिकारी चुना है। हालांकि, इस दावे का भाजपा के शीर्ष नेताओं ने खंडन किया है, जिन्होंने कहा है कि मोदी 2029 के बाद भी पार्टी का नेतृत्व करेंगे।
नए संसद भवन और युद्ध स्मारक सहित कई प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह लोकतंत्र के लिए जीते और कड़ी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मोदी ही हैं जिनके दिल में लोकतंत्र जीवित है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय बनाया है।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस-आप गठबंधन दिल्ली को बर्बाद करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके नेता राजनीतिक मानकों में गिरावट और लोगों का विश्वास तोड़ने के लिए जिम्मेदार हैं।
मोदी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए आए थे, वे हजारों करोड़ रुपये के घोटालों में जेल का चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आप सरकार के घोटालों को उजागर करने का श्रेय लेते नहीं थकेगी लेकिन उसके दिल्ली के नेताओं को गांधी परिवार ने शहर की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए मजबूर किया।
कथित मुस्लिम-समर्थक राजनीति के लिए विपक्षी गठबंधन पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 2014 के चुनाव के दौरान अपने वोट बैंक के लिए ‘वोट जिहाद’ की वकालत करने वालों से हाथ मिलाया था। उन्होंने दावा किया कि इस बात पर सहमति हुई कि वे कांग्रेस को वोट देंगे और इसकी सरकार ने बदले में देश की संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंप दिया।
मोदी ने कहा कि ये संपत्तियां प्रमुख स्थानों पर फैली हुई थीं, जहां एक गज जमीन की कीमत कई लाख रुपये है। उन्होंने आरोप लगाया कि अवसरवादी विपक्षी गठबंधन अपनी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए हिंसा भड़का सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के बाद 2020 में हुए दिल्ली दंगों के लिए उन्हें (विपक्ष को) दोषी ठहराया और कहा कि पड़ोसी देशों में सताए गए अधिकतर दलितों समेत कई लोगों को हाल ही में सीएए के तहत नागरिकता प्रदान की गई थी। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन धार्मिक आधार पर आरक्षण, अनुच्छेद 370 की बहाली और भारत के परमाणु बमों के उन्मूलन का समर्थन करता है।