भारतीय जनता पार्टी ने अपने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को हिदायत दी है कि आपस में लड़ने और एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने की शिकायतें नहीं आनी चाहिए। पार्टी ने सभी को अनुशासन में रहने को कहा है।

पार्टी ने यह भी कहा है कि समन्वय की जिम्मेदारी सिर्फ  संगठन की नहीं बल्कि सरकार की भी होती है।

भाजपा मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय मुख्यमंत्री सम्मेलन रविवार को कड़ी हिदायत के साथ संपन्न हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के हमले अभी और होंगे उनका सामना करने के लिए तैयार रहे । बैठक में 13 मुख्यमंत्री और 15 उप मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोनों दिन बैठक में रहे जबकि आज शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा नीति को लेकर प्रेजेंटेशन दिया।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के बीच के विवाद के मद्देनजर हिदायत दी कि मीडिया में नेताओं के आपस में लड़ने की खबरें आना दुर्भाग्यपूर्ण है। समन्वय करना केवल संगठन का काम ही नहीं होता। सरकार और संगठन दोनों को करने होते है।

विपक्ष का काम ही है आलोचना करना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष का काम है आलोचना करना और वह लगातार आलोचना करेगा। हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए और उनके आलोचनाओं से विचलित नहीं होना चाहिए। हमें अपने काम करते रहना चाहिए। हमारा काम देश और देश के नागरिकों की सेवा करना है। यह बात उन्होंने रविवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय मुख्यमंत्री सम्मेलन में कही।

बीजेपी सुशासन प्रकोष्ठ के संयोजक विनय सहस्त्रबुद्धे की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विास जताया है कि केंद्र और राज्य सरकारें अधिक मजबूती से लोक कल्याण के समन्वित प्रयासों में लगती हैं तो विकसित भारत का लक्ष्य हम निश्चित हासिल कर पायेंगे। विरासत का विकास और विकास की विरासत का निर्माण, इन दोनों का हमारी विकसित भारत की संकल्पना में विशेष महत्व है। इसका भी ध्यान हम सभी को निरंतर रखना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के सुशासन के एजेंडे के तहत इस तरह की मुख्यमंत्री परिषद का आयोजन समय-समय पर होता आया है। वर्तमान वर्ष 2024 का यह दूसरा आयोजन था।

इस बैठक में  प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने से लेकर विकास कार्यक्रमों में जन-भागीदारी पर और अधिक बल देने की दृष्टि से अन्यान्य प्रयासों की आवश्यकता तथा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच बढ़ाने के उपायों की भी विस्तार से चर्चा की।

इस बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में राज्य सरकारों की भूमिका की चर्चा की और राज्य सरकारों से जो अपेक्षायें हैं, उनका भी विवरण प्रस्तुत किया, जिस पर विस्तार से चर्चा हुई।

इस परिषद के प्रारंभ में कुछ भाजपा शासित राज्यों के द्वारा अपनाये गये नवाचार प्रेरित और सुशासन केंद्रित प्रयासों के संदर्भ में कुछ चयनित प्रयासों की चर्चा करने वाले प्रस्तुतीकरण भी हुए। उत्तर प्रदेश की  ग्रामीण सचिवालय योजना, असम सरकार का सरकारी रिक्त स्थानों की शीघ्र भर्ती के लिए विशेष अभियान, गुजरात के सौर ऊर्जा निर्माण को गति देने के प्रयास, त्रिपुरा का ‘अमार सरकार’ कार्यक्रम और बिहार सरकार के अवैध खनन रोकथाम के लिए  किए गए प्रयास इत्यादि विशेष उल्लेखनीय प्रस्तुतीकरण इस परिषद में हुए।

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