प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्लेटफार्म के डिजाइन, विकास और निर्माण में साझेदारी के जरिये भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी और मैक्रों ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर वार्ता की।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्लेटफार्म के डिजाइन, विकास और निर्माण में साझेदारी के जरिये रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तीसरे देशों सहित भारत में उत्पादन को बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इस संदर्भ में, उन्होंने रक्षा संबंधी औद्योगिक रूपरेखा को शीघ्र अंतिम रूप देने का भी आह्वान किया।’’
संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और फ्रांस ने जी20 में अफ्रीकी संघ (एयू) की सदस्यता का स्वागत किया और अफ्रीका की प्रगति, समृद्धि और विकास के लिए एयू के साथ काम करने का संकल्प लिया।
मोदी और मैक्रों ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत-फ्रांस सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य’ का संदेश लेकर वैश्विक भलाई के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।’’
संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘डिजिटल, विज्ञान, तकनीकी नवाचार, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण सहयोग जैसे क्षेत्रों पर जोर देते हुए दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ‘इंडो-फ्रेंच कैंपस’ के मॉडल पर इन क्षेत्रों में संस्थागत संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया।’’
भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का जिक्र करते हुए मैक्रों ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह रिश्ता द्विपक्षीय जुड़ाव से कहीं अधिक है और दोनों देशों को दुनिया के ‘‘बिखराव’’ का विरोध करने की दिशा में काम करना होगा।
भारत-फ्रांस संबंधों को ‘‘बहुत मजबूत’’ करार देते हुए मैक्रों ने कहा कि आने वाले महीनों और वर्षों में अतिरिक्त अनुबंध और खरीद की जाएगी। हालांकि, इस संबंध में उन्होंने विशेष विवरण नहीं दिया।
भारत को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस के लोग बहुत गौरवान्वित हैं और वे आपके देश के प्रति मित्रता महसूस करते हैं।’’
मैक्रों ने कहा कि जी20 अध्यक्ष के रूप में, भारत ने दुनिया को एकता और शांति का संदेश देने का भरसक प्रयास किया और जी20 नेताओं का घोषणापत्र यूक्रेन संकट पर रूस को ‘‘अलग-थलग करने की पुष्टि करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जी20 एक बार फिर रूस के अलग-थलग होने की पुष्टि करता है। आज, जी20 सदस्यों का ‘‘बहुमत’’ यूक्रेन में युद्ध और उसके प्रभाव की निंदा करता है।’’
मैक्रों ने वैश्विक शांति के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धन्यवाद दिया।
एक अलग प्रेसवार्ता में, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का ‘‘आक्रमण’’ कुछ ऐसा है, जो जी20 में सहयोग की नींव को ‘‘हिला’’ सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ रहा है।’’
किशिदा ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जारी जी20 नेताओं का घोषणापत्र वास्तव में एक सार्थक उपलब्धि है और समूह के सभी सदस्यों ने यूक्रेन में ‘‘न्यायसंगत और स्थायी’’ शांति के महत्व को रेखांकित किया है।