दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस से उस शिकायत पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने हाल ही में राजस्थान की एक चुनावी भाषण में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरी भाषा का इस्तेमाल किया था।

साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कार्तिक तपारिया ने पुलिस से निम्निलखित बिंदुओं पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है जिसमें यदि कोई शिकायत दर्ज की गई है, तो पुलिस ने उस पर क्या कार्रवाई की है?

इसके अलावा क्या शिकायतकर्ता की शिकायत पर कोई जांच की गई है? साथ ही क्या जांच के दौरान किसी संज्ञेय अपराध का पता चला?, यदि किसी संज्ञेय अपराध का पता चला, तो क्या पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज की है? मजिस्ट्रेट ने पुलिस से इन सब मुद्दों पर 5 जून को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

दिल्ली निवासी कुर्बान अली ने पिछले महीने हजरत निजामुद्दीन थाने के एसएचओ के समक्ष ए शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि 21 अप्रैल को एक चुनावी रैली के दौरान मोदी ने ऐसा भाषण दिया था जो न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक है।

उसने कहा है कि प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार करते हुए जानबूझकर ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिंक भावनाओं का अपमान करती है।

साथ ही हिंदू समुदाय और मुस्लिम समुदाय के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देती है। इसके अलावा राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक है। शिकायत के अनुसार मोदी ने दावा किया था कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए कहा था कि ‘राष्ट्रीय संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’

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