कांग्रेस ने तीन देशों की यात्रा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए रविवार को कहा कि उनके पास ऐसी यात्राओं के लिए तीन ई यानी ‘एनर्जी’ (ऊर्जा), ‘एक्साइटमेंट’ (उत्साह) और ‘एंथूसिएजम’ (जोश) हैं पर क्या वह मणिपुर के लोगों की पीड़ा समझने के मकसद से वहां जाने के लिए चौथा ‘ई’ ‘इंपैथ” (करुणा) पैदा नहीं कर सकते।

विपक्षी दल ने यह भी कहा कि मई 2023 के बाद से यह मोदी की 35वीं विदेश यात्रा है वहीं ‘‘मणिपुर के साथ प्रधानमंत्री का इस तरह का रवैया बेहद दुखद है।’’     

कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ एक समय था जब वह भारत-कनाडा संबंधों की मिसाल देते हुए गर्व से (a+b)^2 का अलजेब्रा का सूत्र सुनाया करते थे। लेकिन इसके बाद हालात बुरी तरह बिगड़ गए। ’’

उन्होंने कहा,‘‘ जब ऐसा लगने लगा कि कनाडा भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने को लेकर टालमटोल कर रहा था तब उनके लिए ढोल पीटने वालों ने प्रचारित किया कि प्रधानमंत्री मोदी तो जाएंगे ही नहीं चाहे बुलावा आए या नहीं। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी वह बेनकाब हो गए।’’

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है, क्योंकि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

कांग्रेस नेता ने कहा,‘‘ शायद मोदी जी उन्हें याद दिला सकते हैं कि नीति आयोग के सीईओ के अनुसार 24 मई 2025 को ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यह मई 2023 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की 35वीं विदेश यात्रा है। उनके पास इन दौरों के लिए एनर्जी, एक्साइटमेंट और एंथूसिएजम- तीन ‘ई’ हैं। लेकिन क्या वे मणिपुर जाने के लिए चौथी ‘ई’ इंपैथी नहीं जुटा सकते हैं जहां लोगों की तकलीफ, पीड़ा और त्रासदी जारी है।”

जयराम रमेश ने कहा , ‘‘किसी नेता की बात तो छोड़िए- तीन मई 2023 से अब तक उन्होंने मणिपुर के किसी भी व्यक्ति से मुलाकात तक नहीं की है। प्रधानमंत्री का मणिपुर के प्रति यह रवैया बेहद दुखद एवं चिंताजनक है।’’

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री का 2015 का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें वह दोनों देशों के बीच संबंधों को दर्शाने के लिए गणितीय उदाहरण दे रहे हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights