प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के बाद 106 मिनट के अपने जवाब में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए संवैधानिक मूल्यों की भावना के अनुरूप 11 संकल्प पेश किए।
इन 11 संकल्पों को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने “11 जुमले” करार दिया।
अखिलेश यादव ने सदन के बाद पत्रकारों से कहा, “प्रधानमंत्री का आज का बहुत लंबा भाषण था। आप लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि ‘जुमले’ से किसको जाना जाता था। आज हम लोगों को 11 जुमलों का संकल्प सुनने को मिला है। 15 लाख रुपये जुमला था।
किसानों की आय दोगुनी होगी, वह जुमला था। एक करोड़ नौकरियां मिलेंगी, वह जुमला था। अग्निवीर जैसी नौकरी एक जुमला है। जीएसटी से महंगाई कम होगी यह भी जुमला निकला। उत्तर प्रदेश में आपको याद होगा कि इन्होंने कहा था कि जानवरों से सड़कें खाली हो जाएंगी, सड़कों पर जानवर नहीं दिखेंगे, वह बात भी जुमला निकली।”
उन्होंने कहा कि भाजपा की परिवारवाद की बात भी जुमला निकली, क्योंकि इनके दल में ही परिवारवाद भरा पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि हम आरक्षण दे रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि पिछड़े, दलित और आदिवासियों का आरक्षण छीना जा रहा है।
जाति जनगणना को लेकर हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इसे लेकर लगातार हम आगे बढ़ रहे हैं। वह दिन आएगा जब जाति जनगणना भी होगी और आबादी के हिसाब से लोगों को हक और सम्मान भी मिलेगा। उनके अभी तीन जुमले और बचे हैं। जब समय आएगा तो आप खुद देख लेना। यह सरकार लोगों को ऐसे ही भटकाएगी।”
उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने “भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर सदन में दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं। यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोका जा सकता।”