पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को लेकर पाकिस्तान की सरकार और सेना ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में सिवाय इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के देश की लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया  । बैठक का उद्देश्य था भारत के साथ मौजूदा तनाव की स्थिति पर राजनीतिक दलों को जानकारी देना और उनकी राय लेना। इस बंद कमरे वाली बैठक में आईएसपीआर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भारत-पाक रिश्तों और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर ब्रीफिंग दी।

राजनीतिक दलों का एक सुर में ऐलान 
सूत्रों के मुताबिक, सभी दलों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर भारत की ओर से कोई “दुस्साहस” हुआ, तो उसका जवाब मुंहतोड़ दिया जाएगा। राजनीतिक दलों ने सेना के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि अगर क्षेत्रीय शांति भंग होती है, तो वे एकजुट होकर प्रतिक्रिया देंगे।

कौन-कौन हुआ शामिल 
बैठक में PPP नेता राजा परवेज अशरफ, क़मर ज़मान काइरा, शाज़िया मर्री, पीएमएल-एन के अकील, तलाल चौधरी, तारिक फ़ज़ल, MQM के फारूक सत्तार, कश्मीरी नेता शाह गुलाम कादिर सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
 

 भारत के कड़े कदम 
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना और व्यापारिक प्रतिबंध शामिल हैं। भारत ने पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा और सेनाओं को “पूर्ण स्वतंत्रता” दी गई है कि वे कब, कहां और कैसे जवाब देंगे।

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