भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को 195 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी। माना जा रहा है कि आम चुनाव की तारीखों के ऐलान से काफी पहले इतने प्रत्याशियों की घोषणा से भाजपा को फायदा मिलेगा। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाजपा के 370 पार और राजग के 400 पार के लक्ष्य की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। भाजपा के उम्मीदवारों की जारी हुई सूची से लेकर तमाम चुनावी मुद्दों पर आईएएनएस ने देश की प्रसिद्ध सर्वे एजेंसी एक्सिस मॉय इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गुप्ता से बातचीत की।

प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत में भाजपा के 370 और एनडीए के 400 पार के लक्ष्य को लेकर कहा कि भाजपा द्वारा जारी 195 उम्मीदवारों वाली पहली सूची में देखने योग्य बात ये है कि पहली बार इसमें युवा और अनुभव का समावेश है। दोनों बातों का ध्यान रखा गया है। बहुत सारी सीटों पर उम्मीदवार बदले भी गए हैं, जैसे कि आप नई दिल्ली की सीट ही ले लीजिए। मीनाक्षी लेखी की जगह वहां बांसुरी स्वराज को टिकट दिया गया है।

दूसरी बात, इसमें आप देखेंगे कि जिन राज्यों में बीजेपी का गठबंधन है या होना है — जैसे सबसे बड़े दो राज्य बिहार और महाराष्ट्र — उनकी सीटों के उम्मीदवार अभी घोषित नहीं किए गए हैं। जहां उम्मीदवार घोषित हुए हैं वहां कोई शक या सवाल की स्थिति नहीं है।

उन्होंने कहा कि बात नफा नुकसान की करें तो वर्तमान में जो राजनीतिक परिदृश्य बना हुआ है, देश में उसमें बीजेपी बहुत मजबूत स्थिति में है और बीजेपी के नेतृत्व यानी पीएम मोदी की चर्चा चारों ओर है, तो नेचुरल है कि उनके नेतृत्व में सीटों की जो घोषणा हुई है उसमें हो सकता है जिनके टिकट कटे हैं उनको थोड़ी असहजता होगी। लेकिन, कोई भी कुछ कहने या करने की स्थिति में नहीं है। जो उम्मीदवार हैं उनको काफी समय भी मिलता है अपने चुनाव क्षेत्र में जाकर तैयारी करने का। एक बार चुनाव घोषित हो गए तो उसके बाद फिर आनन-फानन की स्थिति हो जाती है। फिर तो तैयारी के लिए बहुत कम समय बचता है। इस लिहाज से कह सकते हैं कि पहले उम्मीदवार घोषित कर बीजेपी ने फर्स्ट मूवर एडवांटेज ले लिया है।

उन्होंने आगे कहा कि उम्मीदवारों के नाम की घोषणा को तो लक्ष्य के लिहाज से हम अहम कदम नहीं कहेंगे क्योंकि देश भर की 100 सीटें करीब ऐसी हैं जिनमें एनडीए ने पिछले चुनाव में केवल पांच सीटों पर ही जीत दर्ज की थी। 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की करीब 232 सीटें ऐसी हैं जिनमें बीजेपी 94 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ आगे है। वहां बचने की गुंजाइश बहुत ज्यादा बचती नहीं है। ऐसे में एनडीए की जो 352 सीटें थीं तो 400 पार के लिए कम से कम 48 सीटों की जरूरत है। अब ये है कि 48 सीटें कहां से आएंगी। 48 सीटें जहां से आने की उम्मीद है वो राज्य हैं तमिलनाडु और पुद्दुचेरी जिसे मिलाकर 40 सीटें, केरल की 20 सीटें, 25 सीटें आंध्र प्रदेश की और चंडीगढ़ और पंजाब की मिला लें तो 14 सीटें हैं।

इन 100 सीटों पर बीजेपी या एनडीए को पांच जगहों पर जीत मिली थी। बाकी सब जगहों पर हार हुई है। यहां अगर बीजेपी या एनडीए को आगे बढ़ना है तो तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ जो उनका पहले गठबंधन था, अभी नहीं है। उसमें क्या स्थिति होती है। आंध्र प्रदेश में पिछली बार टीडीपी के साथ गठबंधन था अब क्या स्थिति होती है, उसके बाद पंजाब में जहां अकाली दल के साथ पहले गठबंधन था अब क्या होता है, ये देखने वाली बात है।

इन तमाम राज्यों में गठबंधन की स्थिति किस तरह से होगी उसके ऊपर निर्भर करेगा कि एनडीए 400 के पार जाएगा या नहीं जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि इन राज्यों में काफी दायरा है सीटों को बढ़ाने का। जहां 95 सीटों का स्कोप है उसमें से एनडीए को 48 सीटें जीतनी हैं। उसके बाद दूसरा जो स्कोप आता है, दो राज्य ऐसे हैं जहां पर ये कह सकते हैं कि पिछली बार बीजेपी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। वहां और अच्छा करने की उम्मीद है। वो है उत्तर प्रदेश जिसमें 16 सीटों का दायरा बाकी है जहां पिछले चुनाव में 80 में से 64 सीटें एनडीए जीती थीं। वहां संभवना है लेकिन भाजपा यहां कितनी सीटों पर अतिरिक्त जीत दर्ज करती है वो एक अलग बात है।

उसके बाद है पश्चिम बंगाल जहां 42 सीटों में पिछली बार 18 सीटें बीजेपी ने जीती थीं। यहां पर भी 24 सीटों का एक स्कोप है तो 24 ये और 16 वो, यहां की 40 सीटें। जो भी कुछ होना है इन्हीं राज्यों में होना है। इसके साथ बीजेपी को उन 212 सीटों पर जहां पर वो पिछले चुनाव में चरम पर थे, 400 पार जाने के लिए वहां प्रदर्शन को बरकरार रखना पड़ेगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights