प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे। पीएम मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। पीएम मोदी भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से भी मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से भी बातचीत करेंगे। पीएम मोदी की यह राजकीय यात्रा भारत-भूटान के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर जोर देने के अनुरूप है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “मैं भारत-भूटान साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा। मैं भूटान के महामहिम राजा, महामहिम चतुर्थ ड्रुक ग्यालपो और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ बातचीत के लिए उत्सुक हूं।”
यह यात्रा 21 से 22 मार्च को होनी थी लेकिन भूटान में खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान में कहा था कि यह यात्रा दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए आपसी अनुकरणीय साझेदारी को विस्तारित एवं मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगी।
बयान में कहा गया था कि भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास, समझ एवं सद्भावना पर आधारित एक अनूठी व स्थायी साझेदारी है।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमारी साझी आध्यात्मिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मधुर संबंध हमारे असाधारण संबंधों में घनिष्ठता एवं जीवंतता का समावेश करते हैं।”
इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भी बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम की नीति’ पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे गत सप्ताह भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर गए थे। यह जनवरी में शीर्ष पद संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी।