प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 समिट को लेकर दिल्लीवासियों से मेहमानों का अद्भुत और शानदार स्वागत करने की अपील करते हुए उन्हें होने वाली असुविधाओं के लिए अभी से ही माफी मांग ली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 का मेजबान तो पूरा भारत है, लेकिन मेहमान तो दिल्ली आ रहे हैं। इसलिए दिल्लीवासियों पर अहम जिम्मेदारी है। दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत करने के लिए पहुंचे भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और दिल्ली के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 समिट के कारण दिल्ली के लोगों को होने वाली असुविधाओं के लिए पहले से ही क्षमा मांगते हुए कहा कि जब इतनी बड़ी मात्रा में विश्व से मेहमान आएंगे तो कुछ तो असुविधा होगी ही। अपने घर में भी जब मेहमान आते हैं तो घर वाले अपने मुख्य सोफे पर मेहमानों को बैठाते हैं और खुद साइड में बैठ जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हम जितना अधिक मान सम्मान जी-20 के मेहमानों को देंगे उतना ही हमारा गौरव बढ़ेगा, भारत का सम्मान और साख बढेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक जी-20 समिट और इससे जुड़े कार्यक्रमों के कारण दिल्लीवासियों को कुछ असुविधा होगी, तकलीफ होगी, ट्रैफिक की व्यवस्था बदल जाएगी और बहुत जगहों पर उन्हें जाने से रोका जाएगा। लेकिन कुछ चीजें आवश्यक होती है। दिल्लीवासियों को आने वाले दिनों में होने वाली असुविधा के लिए आज ही क्षमा याचना कर लेता हूं।
उन्होंने दिल्लीवासियों से जी-20 के मेहमानों का अद्भुत और शानदार स्वागत करने की अपील करते हुए कहा कि देश की साख पर रत्ती भर भी आंच न आए यह दिल्ली वालों को करके दिखाना है। हम सबको मिलकर इस जी-20 समिट को शानदार और रंग-बिरंगा बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार वैज्ञानिकों ने चंद्रयान की सफलता से जो झंडा गाड़ा है, दिल्लीवासी जी-20 की अद्भुत मेहमाननवाजी करके उस झंडे को नई ताकत दे देंगे, ऐसा उन्हें विश्वास है।
उन्होंने राखी के त्योहार का जिक्र करते हुए धरती मां के चंदा मामा को राखी बांधने की बात कही और साथ ही यह भी कहा कि त्योहार के इस माहौल में शानदार तरीके से त्योहार मनाते हुए ऐसा वातावरण बनाए कि जी-20 समिट में भी चारों तरफ यह बंधुत्व, यह भाईचारा, यह प्यार, हमारी संस्कृति और परंपरा से दुनिया को परिचय कराएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान ही तेज धूप के कारण उनकी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात एक सुरक्षाकर्मी की तबियत खराब हो जाने पर अपने भाषण को बीच में ही रोकते हुए प्रधानमंत्री ने अपने डॉक्टरों की टीम को उनकी जांच करने का निर्देश दिया।