जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी का वीडियो एक्स पर पोस्ट किया। इस 1 मिनट 28 सेकेंड के वीडियो में मदनी ने कहा, ‘हम उस फैसले को जो अयोध्या की तरफ से आया है कोर्ट की तरफ से उसे सही नहीं मानते हैं। हमारा मानना है कि यह फैसला गलत माहौल में गलत तरीके से, गलत बुनियादों पर किया गया है। दूसरी बात कि मुल्क के वजीर-ए- आजम को न किसी मंदिर या किसी भी इबादतगाह के इफ़्तिताह, संग-ए-बुनियाद के लिए बिलकुल नहीं जाना चाहिए। इससे अपने आप को दूर रखना चाहिए। ये मामला मजहब का मामला आवाम का मामला है।’
जनवरी में मकर संक्रान्ति के बाद अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित है। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। इसे लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा था कि वह खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं और यह उनका सौभाग्य है कि वह इसके साक्षी बनेंगे।