छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष जमकर प्रदर्शन कर रहा है। रविवार को महाविकास आघाडी गठबंधन ने ‘जूते मारो आंदोलन’ निकाला, जिसमें जिसमें शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पार्टी नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और शरद पवार शामिल हुए। दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक निकाले गए इस मार्च में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गयी। इतना ही नहीं एमवीए नेताओं ने प्रतिमा गिरने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना भी की।

‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘क्या आपने (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) की माफी में अहंकार को देखा? इसमें अहंकार की बू आ रही थी। एक उपमुख्यमंत्री मुस्कुरा रहे थे। प्रधानमंत्री किस बात के लिए माफी मांग रहे थे? उस प्रतिमा के लिए जिसका उन्होंने आठ महीने पहले उद्घाटन किया था? उसमें शामिल भ्रष्टाचार के लिए? एमवीए काडरों को शिवाजी महाराज का अपमान करने वाली ताकतों को हराने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। प्रतिमा का गिरना महाराष्ट्र की आत्मा का अपमान है।’ बता दें, शुक्रवार को पालघर में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के लोगों से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा, ‘आज, मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं।’

शरद पवार ने विरोध मार्च में कहा, ‘सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का गिरना भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। यह सभी शिवाजी प्रेमियों का अपमान है।’ कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने राज्य में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए माफी मांगी है।’ शिवाजी के वंशज एवं कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि मराठा योद्धा की गरिमा को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिए।

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