रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले हफ्ते गैर-अनुपालन और अनियमितताओं के चलते पेटीएम पेमेंट्स बैंक को बंद करने का आदेश दिया। आरबीआई के इस फैसले के बाद पेटीएम को जहां जोर का झटका लगा है। वहीं आरबीआई का यह फैसला फोन पे के लिए वरदान साबित हुआ है। दरअसल, rbi के आदेश के बाद बड़ी संख्या में यूजर्स पेटीएम से दूसरी कंपनियों की तरफ जा रहे हैं। वालमार्ट के स्वामित्व वाली फोनपे को इसका फायदा मिला है और उसका यूजरबेस एक हफ्ते के भीतर ही 20 प्रतिशत तक बढ़ गए है। इसके परिणामस्वरूप, फोनपे ने बड़ी संख्या में भुगतान और अन्य डिजिटल लेनदेनों को बढ़ा है।

मामले की जानकारी रखने वाली इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए फोनपे ने अपनी तैयारियों को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जो उसके विकास और सेवाओं को और भी प्रभावी बना सकता है। बता दें कि 31 जनवरी के बाद फोनपे के यूजर्स की संख्या तो बढ़ी ही है, साथ ही व्यापारियों की संख्या भी बढ़ रही है। 29 फरवरी तक फोनपे ऐप डाउनलोड करने वाले और प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में UPI लेनदेन में फोनपे की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 46 प्रतिशत थी, जबकि 13 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पेटीएम पेमेंट्स बैंक तीसरे स्थान पर था। इस मामले में गूगल पे 36 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर था। पेटीएम के साथ करीब 4 करोड़ व्यापारी जुड़े हुए थे। अब चूंकि पेटीएम पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं, ऐसे में सबसे ज्यादा फायदा फोनपे को होने की उम्मीद है।

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