श्रमिक कॉलोनियों की दयनीय स्थिति पर विधान सभा अध्यक्ष ने जताई नाराजगी

लखनऊ, 18 (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने वर्ष 1955 में स्थापित श्रमिक कॉलोनियों की दयनीय स्थिति और वहां रहने वाले लोगों की समस्याओं पर कोई ठोस कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने श्रम मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन कॉलोनियों में रहने वाले सभी आवंटियों एवं किरायेदारों को स्वामित्व अधिकार देने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

सतीश माहना ने आज उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रेक्षागृह में प्रदेश की श्रमिक कॉलोनियों में रहने वाले आवंटियों एवं किरायेदारों को मालिकाना हक दिए जाने तथा अन्य समस्याओं के समाधान को लेकर श्रम विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इसमें कॉलोनियों में अविकसित पार्कों की उपेक्षा और वहां बढ़ती गंदगी पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई।

बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि श्रमिक कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को परेशान करने की मंशा से पी.पी. एक्ट के तहत नोटिस जारी किए जा रहे हैं, जो न्यायसंगत नहीं है। इस पर भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

बैठक में श्रम मंत्री अनिल राजभर ने आश्वासन दिया कि श्रम मंत्रालय द्वारा गठित राज्य परामर्शदात्री समिति जल्द ही एक सकारात्मक रिपोर्ट तैयार करेगी। उसमें यह तय किया जाएगा कि श्रमिक कॉलोनियों के निवासियों को स्वामित्व अधिकार कैसे प्रदान किए जाएं। यह रिपोर्ट अध्यक्ष सतीश महाना को प्रस्तुत की जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में श्रम मंत्री अनिल राजभर, विधायक सुरेंद्र मैथानी, प्रमुख सचिव श्रम डॉ. एम.के. सुन्दरम तथा श्रमायुक्त मारकण्डे शाही सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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