आज बिहार के पटना में तकरीबन 18 विपक्षी दलों की अहम बैठक होने जा रही है। पिछले कुछ सालों में विपक्ष की यह सबसे बड़ी बैठक मानी जा रही है। यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि तकरीबन 9 महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होने हैं।

दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार का जो दिल्ली ऑर्डिनेंस है उसका आम आदमी पार्टी विरोध कर रही है और वह तमाम विपक्षी दलों से इसके खिलाफ समर्थन जुटाने में लगी है। ऐसे में आज होने वाली बैठक में इस मसले का असर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।

आम आदमी पार्टी के करीबी नेता का कहना है कि अगर आज होने वाली बैठक में कांग्रेस दिल्ली आर्डिनेंस के खिलाफ अपना समर्थन नहीं देती है तो आप इस बैठक से दूर हो सकती है। ऐसे में विपक्ष की बैठक की एकता को एक बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।

बता दें कि 20 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस ऑर्डिनेंस को पास कर दिया था, जिसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करना था। इस ऑर्डिनेंस में कहा गया है कि किसी भी तरह के फैसले को लेने के लिए मुख्यमंत्री और दो प्रशासनिक अधिकारियों के वोट को गिना जाएगा और बहुमत के आधार पर फैसले लिए जाएंगे, जिसका आम आदमी पार्टी की सरकार विरोध कर रही है।

हालांकि कई विपक्षी दलों ने केजरीवाल को समर्थन देने का भरोसा जताया है, लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक दूसरे की विरोधी हैं और इस मसले पर कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है।

केजरीवाल ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जून खड़गे से मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन दोनों ही नेताओं ने उनसे मुलाकात नहीं की है। ऐसे में आज होने वाली बैठक में दोनों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात पर हर किसी की नजर रहेगी।

माना जा रहा है कि कांग्रेस दबाव में केजरीवाल का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि कांग्रेस पर किसी भी तरह का दबाव नही है इस मसले पर आप को समर्थन देने का।

मानसून सत्र एक महीने बाद होना है, आखिर कैसे आप हमे कोई स्टैंड लेने के लिए कैसे मजबूर कर सकती है। विपक्ष की यह बैठक 2024 के चुनाव के लिए है नाकि ऑर्डिनेंस पर चर्चा के लिए।

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