वन नेशन वन इलेक्शन देशहित में क्रांतकिारी कदम: धामी

देहरादून, 2 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव केवल प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि देश के लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। यह देशहित में क्रान्तिकारी कदम है। बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग सभागार देहरादून में स्वर्णिम देवभूमि फ़ाउंडेशन की ओर से एक राष्ट्र-एक चुनाव विषय पर आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन में यह बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में चुनाव लोकतंत्र का पर्व होते हैं, लेकिन जब प्रत्येक वर्ष, कभी इस राज्य में, कभी उस राज्य में, बार-बार चुनाव होते हैं, तो यह प्रक्रिया बोझ बन जाती है।

उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक स्तर पर बार-बार संसाधनों का अपव्यय होता है व सरकारी ख़ज़ाने पर नकारात्मक असर पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में राज्य के शिक्षकों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, पुलिस बल और केंद्रीय बल के जवानों को उनके मूल कार्य से हटाकर चुनाव ड्यूटी में लगाना पड़ता है, जिससे उनके मूल कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर सबको एकजुटता दिखानी होगी।

इस अवसर पर उत्तराखंड आए भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व एक राष्ट्र एक चुनाव के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील बंसल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का लगभग 11 वर्षों का कार्यकाल ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में जहां एक ओर देश में विकास और आर्थिक प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित हुए, वहीं अनेकों ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से भारत के लोकतंत्र को और भी अधिक मज़बूती मिली।

कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, पर्यावरणविद् पद्म अनिल जोशी, जागर गायिका पद्म बसंती बिष्ट, पद्म कन्हैया लाल पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

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