हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को बजरंग दल के सदस्य और गोरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, अभी तक हरियाणा पुलिस ने हिरासत को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सूत्रों ने कहा कि हरियाणा पुलिस कथित तौर पर आगे की पूछताछ के लिए मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंपेगी।
एक वायरल सीसीटीवी फुटेज में दो आदमी, शायद पुलिसकर्मी, मोनू मानेसर को दोस्ताना तरीके से और बिना किसी प्रतिरोध के अपने साथ ले जाते देखे जा सकते हैं।
मोनू मानेसर दो मुस्लिम व्यक्तियों जुनैद और नासिर की हत्या के प्रमुख संदिग्धों में से एक है। इस साल 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में एक वाहन में दो मुस्लिम चचेरे भाइयों के जले हुए शव पाए गए थे।
मोनू मानेसर के खिलाफ गुरुग्राम के पटौदी पुलिस स्टेशन में हत्या के प्रयास सहित आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एक अलग मामला भी दर्ज किया गया था।
मोनू मानेसर का नाम नूंह हिंसा में भी सामने आया था। इस हिंसा में छह लोगों की हत्या हुई थी। नूंह में एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई झड़पें बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर की उपस्थिति के बारे में अफवाहों से भड़की थी।
मोनू मानेसर दो मुस्लिम व्यक्तियों के अपहरण और हत्या का आरोप लगने के बाद से गिरफ्तारी से बच रहा है। मोनू बजरंग दल का एक प्रमुख नेता होने के साथ हरियाणा के गुरुग्राम प्रशासन की विशेष गोरक्षा टीम टास्क फोर्स का सदस्य भी है।
दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मोनू किसी भी मामले में शामिल नहीं है, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को बिना वजह परेशान किया जा रहा है, हम इसकी निंदा करते हैं।”