राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने प्रतिबंधित लश्कर-तैयबा की शाखा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के तीन सदस्यों के खिलाफ मंगलवार को पूरक आरोप पत्र दायर किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इन तीन सदस्यों में एक पाकिस्तानी नागरिक है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के लिए यह आरोपपत्र दायर किया गया है।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले के हबीबुल्ला मलिक उर्फ ‘साजिद जट’ और दक्षिण कश्मीर के दो निवासियों हिलाल याकूब देवा उर्फ “सेठी सोब” और शोपियां के मुसियाब फैयाज बाबा उर्फ “शोएब जरार” के खिलाफ यहां एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया।
एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि मलिक के कई नाम हैं जिनमें सैफुल्ला, नूमी, नुमान, लंगड़ा, अली साजिद, उस्मान हबीब और शनि आदि शामिल हैं। अधिकारी के अनुसार मलिक जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों में शामिल था।
एनआईए ने पिछले साल 21 जून को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और उसके बाद हुई जांच के उपरांत पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है।
यह मामला विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा हमले करके जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने और शांति को बाधित करने के लिए “भौतिक रूप से और साइबरस्पेस में” रची गई साजिश से संबंधित है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अब तक हुई जांच से पता चला है कि आतंकवादी संगठन के इन तीनों सदस्यों ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों और अन्य लोगों पर आतंकवादी हमले करने की आपराधिक साजिश रची थी। मलिक पाकिस्तान स्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट का सक्रिय कमांडर है।’’
उन्होंने कहा कि मलिक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कश्मीरी युवाओं को आतंकवादी संगठन में शामिल करने के लिए प्रयासरत था।