महाराष्ट्र में पांच लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया, लेकिन अब दूसरे फेज की वोटिंग से पहले उद्धव ठाकरे के लिए बहुत बड़ी टेंशन खड़ी हो सकती है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर शिवसेना यू.बी.टी. छोड़ सकते हैं। दरअसल मिलिंद नार्वेकर शिवसेना यू.बी.टी. के सेक्रेटरी हैं और उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान उनके निजी सहायक भी रहे हैं। अब एन.डी.ए. की तरफ से उन्हें चुनाव लड़ने का ऑफर मिला है।
बताया जा रहा है कि मिलिंद नार्वेकर को मुंबई की दक्षिण मुंबई सीट से एन.डी.ए. ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। दक्षिण मुंबई से शिवसेना यू.बी.टी. के नेता अरविंद सावंत चुनावी मैदान में हैं। वहीं एन.डी.ए. के तहत यह सीट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी को मिली है। इसके अलावा भाजपा के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मंत्री मंगलप्रभात लोढा और शिवसेना के यशवंत जाधव लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
बता दें मिलिंद नार्वेकर बालासाहेब ठाकरे से लेकर उद्धव ठाकरे तक शिवसेना के लिए काम करते आए हैं। उनकी पहचान ही ठाकरे परिवार के हनुमान की बन गई। कहा जाता है कि शिवसेना पर जब-जब संकट आए, तब-तब नार्वेकर ने अहम भूमिका निभाई और पार्टी का पूरा साथ दिया।
अगर मिलिंद नार्वेकर शिवसेना यू.बी.टी. छोड़ते हैं तो उद्धव ठाकरे को चुनाव से पहले बहुत बड़ा झटका लग सकता है। मिलिंद नार्वेकर यू.बी.टी. के सीनियर नेता हैं और पार्टी की कई बातें जानते हैं। ऐसे में उनका एन.डी.ए. में शामिल होना उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। हालांकि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने ऐसी खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया था कि उद्धव ठाकरे के करीबी मिलिंद नार्वेकर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगे।
56 वर्षीय मिलिंद नार्वेकर पहले उद्धव ठाकरे के निजी सहयोगी हुआ करते थे। साल 2018 में उन्हें शिवसेना का सचिव घोषित किया गया। 1994 से ही नार्वेकर के पास पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी थी। ठाकरे से बात करने के इच्छुक पार्टी कार्यकर्ताओं और नेतृत्व के बीच में संपर्क केवल उन्हीं के जरिए बनाया जा सकता था।