राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा ‘तुरही’ और ‘तुतारी’ चुनाव चिह्नों पर रोक लगाने के फैसले का शुक्रवार को स्वागत किया और कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के बीच इनके बारे में भ्रम पैदा किया, जिससे शरद पवार नीत पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, ‘‘हम राज्य निर्वाचन आयोग के आभारी हैं…सत्य की जीत हुई है। भाजपा ने हमारे मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए तुरही चिह्न का दुरुपयोग किया था।
लोग हमारे ‘तुरहा बजाता हुआ आदमी’ और तुरही चिह्न के बीच भ्रमित थे, जिसका उदाहरण सतारा निर्वाचन क्षेत्र में देखा गया जहां हमारे उम्मीदवार शशिकांत शिंदे हार गए क्योंकि मतदाताओं ने तुरही चिह्न को राकांपा (एसपी) का चिह्न समझकर दबा दिया।’’ सतारा में शिंदे भाजपा के उदयनराजे भोसले से 32,771 मतों से हार गये थे। लोकसभा चुनाव के बाद राकांपा (एसपी) ने निर्वाचन आयोग से इन समान दिखने वाले चिह्नों को हटाने की मांग की थी। महाराष्ट्र में निर्वाचन आयोग ने 16 जुलाई के अपने आदेश में तुरही और तुरहा चिह्नों पर रोक लगा दी थी। क्रैस्टो ने विश्वास जताया कि लोग अब सही चुनाव चिह्न को पहचान लेंगे और बड़ी संख्या में राकांपा (एसपी) को वोट देंगे।