पहलगाम आतंकी हमले का बदला कब लिया जायेगा यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है। मोदी सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि बदला लिया जायेगा। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, यानि देश का पूरा शीर्ष नेतृत्व स्पष्ट कर चुका है कि जैसा जनता चाहती है वैसा होकर रहेगा। इसके लिए तैयारियों भी जोरशोर से चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीनों बलों के प्रमुखों के साथ चर्चा कर रहे हैं, तीनों सेनाएं अभ्यास कर रही हैं तथा आयुध फैक्ट्रियों में लंबी छुटि्टयां रद्द की जा चुकी हैं। इसके अलावा कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान के खिलाफ स्ट्राइक पहले ही शुरू की जा चुकी है जिससे उससे हवा पानी बंद हो चुका है।
जहां तक प्रधानमंत्री की ताजा बैठकों की बात है तो आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा विचार किए जा रहे सैन्य विकल्पों के संदर्भ में वायुसेना की समग्र तैयारियों की जानकारी दी। हालांकि बैठक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन कहा गया कि एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और प्रधानमंत्री ने सुरक्षा स्थिति और संभावित विकल्पों पर चर्चा की। हम आपको यह भी बता दें कि 7 लोक कल्याण मार्ग पर वायुसेना प्रमुख की यह बैठक उस समय हुई जब नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री से उत्तरी अरब सागर की स्थिति पर बात की थी। हम आपको बता दें कि अरब सागर में नौसेना के चल रहे अभ्यास को देखते हुए पश्चिमी बेड़े के सभी ऑपरेशनल अग्रिम युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान और सहायक पोत समुद्र में तैनात हैं।
वायुसेना और नौसेना प्रमुख की प्रधानमंत्री से यह बातचीत उस बैठक के बाद हुई है जो 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री के आवास पर हुई थी, जहां मोदी ने कहा था कि सशस्त्र बलों को “हमारे जवाब का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने के लिए पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, “हमारी सशस्त्र सेनाओं की पेशेवर क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास और भरोसा है। आतंकवाद का निर्णायक तौर पर मुकाबला करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।” हम आपको बता दें कि उस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी मौजूद थे। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री और सेवा प्रमुखों की बैठकें निष्पक्ष और खुलकर इनपुट साझा करने के लिए होती हैं। एक अधिकारी ने बताया, “ऐसी बैठकें विशिष्ट लक्ष्यों, उद्देश्यों, आपातकालीन आवश्यकताओं, विशिष्ट चुनौतियों और वास्तविक समयसीमा पर चर्चा के लिए होती हैं।”
हम आपको यह भी बता दें कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि उसकी अग्रिम इकाइयों के लगभग 30 प्रतिशत सैनिक अग्रिम चौकियों पर तैनात रहेंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान सेना ने भारी हथियारों की टुकड़ियों को भी तैयार रखा है, हाल के दिनों में उसने अपनी वायु सुरक्षा को मजबूत किया है। सूत्रों ने कहा कि भारत ने भी सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान की संभावित पूर्व-खतरे या प्रतिशोधात्मक उपायों का मुकाबला करने के लिए सैनिकों की पुनः तैनाती और हथियारों की तैयारियां की हैं।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में आयोजित सनातन संस्कृति जागरण महोत्सव में कहा, “रक्षा मंत्री के रूप में देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है, हमारे सैनिकों के साथ मिलकर उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरा दायित्व है जो हमारे देश पर बुरी नजर डालते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “आप सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत अच्छी तरह जानते हैं, उनकी कार्यशैली और दृढ़ संकल्प से परिचित हैं। आप यह भी जानते हैं कि उन्होंने जीवन में जोखिम उठाने की क्षमता कैसे विकसित की है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जैसा आप चाहते हैं, वैसा होकर रहेगा।”