PM नरेंद्र मोदी ने National Technology Day के अवसर पर कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और सम्मान में स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वो उस दिन को कभी नहीं भूल सकते हैं जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। यह भारत के लोगों के लिए हमेशा याद रहने वाला दिन था। इस परमाणु परीक्षण से भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिकों के सामर्थ्य को विश्व के सामने साबित किया था, बल्कि वैश्विक पटल पर भारत के कद को भी नई ऊंचाई दी थी।
2014 के बाद से भारत ने जिस तरह से साइंस और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया है वह बड़े बदलावों का कारण बना है। पहले जो साइंस सिर्फ किताबों तक सीमित था वह अब प्रयोग से आगे बढ़कर पेटेंट में बदल रहे हैं। भारत में 10 साल पहले 1 साल में 4 हजार पेटेंट ग्रांट होते थे लेकिन आज इनकी संख्या 30… pic.twitter.com/VisJ1aXVi8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2023
मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी। इससे भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया था बल्कि भारत के वैश्विक कद को भी ऊंचाई दी थी: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली pic.twitter.com/WJTyXK5wAz— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2023
इस अवसर पर, मोदी ने 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी- इंडिया की आधारशिला भी रखी। यह दुनिया में बेहद कम पाए जाने वाले लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव वेधशालाओं में से एक होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुंबक संयंत्र, विशाखापत्तनम’ राष्ट्र को समर्पित किया। जिसके बाद भारत रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट बनाने की क्षमता वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है।