राष्ट्रीय दल का दर्ज गंवाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। पार्टी के एक सूत्र ने यह जानकारी दी। आयोग ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का राष्ट्रीय दल का दर्जा वापस ले लिया था। तृणमूल के एक सूत्र ने सोमवार को कहा कि पार्टी चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए कानूनी विकल्पों पर गौर कर रही है।” वैसे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली इस पार्टी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की। हालांकि पश्चिम बंगाल में विपक्षी भाजपा ने इस घटनाक्रम के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का उपहास उड़ाया है।

प्रदेश भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर कहा कि TMC ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया और इसे एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी जाएगी। TMC को बढ़ाने की दीदी की आकांक्षा के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि लोग जानते हैं कि TMC सबसे भ्रष्ट, तुष्टिकरण और आतंक से भरी सरकार चलाती है। इस सरकार गिरना भी निश्चित है क्योंकि पश्चिम बंगाल के लोग इस सरकार को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे।” सोमवार को जारी आदेश में आयोग ने कहा कि राकांपा और TMC को हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन के आधार पर क्रमशः नगालैंड और मेघालय में राज्य स्तर के दलों के रूप में मान्यता दी जाएगी।

कांग्रेस छोड़ने के बाद बनर्जी ने एक जनवरी 1998 में तृणमूल कांग्रेस नामक अपनी पार्टी बनाई थी। साल 2001 और 2006 के विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद, आखिरकार टीएमसी ने 2011 के चुनाव में वाम मोर्च की सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कामयाबी हासिल की। पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सीधी चुनौती देने के लिए हाल के वर्षों में पूरे देश में अपना विस्तार करने की कोशिश की। हालांकि इसका ज्यादा असर हुआ नहीं। देश में अब छह दल-भाजपा, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय पार्टी हैं।

 

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