विधि के छात्रों को आत्मचिंतन करने की जरूरत : न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी

-अपने व्यवसाय के प्रति वफादार बनें विद्यार्थी : प्रो. संगीता श्रीवास्तव -इविवि के विधि संकाय में राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता “विधि कुंभ : ज्ञान और कौशल समागम”

प्रयागराज, 09 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि संकाय में दो दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता “विधि कुंभ : ज्ञान और कौशल समागम” का समापन हुआ। हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के बाद विधि विभाग नए आयाम स्थापित कर रहा है। पूरब के आक्सपोर्ट का गौरव लौट रहा है। उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट का उद्देश्य युवाओं में मूलभूत स्किल को विकसित करना है। इसमें विधि के छात्रों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि आप जज, लॉ फर्म, वकील और कारपोरेट क्षेत्र में से जहां भी जाना चाहते हैं, उससे पहले स्वयं की क्षमताओं का अवलोकन करें। उन्होंने विधि छात्रों को सलाह दी कि पहले किसी सीनियर के चैंबर को ज्वाइन कर तौर तरीके सीखें। थोड़ा धैर्य रखें जब आप सक्षम हो जाएंगे तो बेहतर कर पाएंगे। पूरी मेहतन से स्वयं को स्थापित करें।

न्यायाधीश नंद प्रभा शुक्ला ने कहा कि सहभाग करने वाले विद्यार्थियों को मूट कोर्ट बहुत कुछ सिखाता है। यह मंच विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी देता है। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

न्यायाधीश क्षितिज शैलेंद्र ने विधि विद्यार्थियों का उत्सावर्धन किया। उन्होंने कहा कि कानून का क्षेत्र केवल विश्वास पर आधारित है। अपनी छवि को बनाए रखना ही सबसे महत्वूपर्ण है। ऐसे में विधि क्षेत्र में अपनी सकारात्मक छवि को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि किताबें डिजिटल प्लेटफार्म से अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करवा देती हैं। ऐसे में किताबें से लगाव बनाए रखें।

विधि के विद्यार्थी सदैव निष्पक्ष रहें : कुलपतिकार्यक्रम की अध्यक्ष कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आपको सक्षम वकील बनने के लिए स्वयं को सक्षम बनाना होगा। कार्य के साथ परिश्रम आवश्यक है और कार्य के साथ जिम्मेदारी भी आती है। अपनी गलतियों को पहचानों और स्वयं को सक्षम बनाओ। उन्होंने कहा कि बोलने, शोध करने और तथ्यों को सही तरीके से रखने सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने एक कथन ‘‘किसी दिये का कोई अपना मकां नहीं होता, जहां होती है वहीं रोशनी लुटाता है’’ के माध्यम से जीवन को महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही अमिताभ बच्चन स्वयं आकर हरिवंश राय बच्चन सांस्कृतिक केंद्र के परिसर का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कहा कि रविद्र नाथ टैगोर का जीवन हमें सच के साथ खड़ा रहने की प्रेरणा देता है। विधि के विद्यार्थियों को सदैव निष्पक्ष रहना सिखाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को सीख दी कि स्वयं को अपने व्यवसाय के प्रति वफादार बनाएं।

मूट कोर्ट प्रतियोगिता के परिणाममूट कोर्ट प्रतियोगिता में क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी, बैंगलुरू की विजेता टीम को 50 हजार रूपये पुरस्कार के रूप में प्रदान किया गए। उपविजेता राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ की टीम को 30 हजार रूपये पुरस्कार प्रदान किए गए। ईश्वर सरन कॉलेज की अदिति सिन्हा को सर्वक्षेष्ठ शोधार्थी का अवार्ड 10 हजार रूपये पुरस्कार के तौर पर मिला। क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी की टीम को बेस्ट मेमोरियल अवार्ड प्रदान किया गया। टीम को 15000 रूपये का पुस्कार प्रदान किया गया। क्राइस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी की टीम की सदस्य तारू रोहतगी को सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार 10 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।

इविवि की पीआरओ प्रो जया कपूर ने बताया कि इससे पूर्व विधि संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.आदेश कुमार ने स्वागत किया। राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की आयोजन सचिव डॉ. विजय लक्ष्मी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मूट कोर्ट सोसायटी की संयोजिका डॉ.सोनल शंकर, अंशुमान मिश्र, डॉ. अजय सिंह, डॉ. हरबंश सिंह, डॉ. नवीन वर्मा, डॉ. मुक्ता वर्मा, डॉ. अनुराग दीप, डॉ. प्रिया विजय, डॉ. इस्मिता श्रीवास्तव, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अभिषेक, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. संध्या वर्मा, डॉ. भीम सिंह मीना और डॉ. रश्मि ठाकुर ने मूट कोर्ट के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।

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