गृह मंत्रालय द्वारा National Census 2027 को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यह जनगणना देश के अधिकांश हिस्सों के लिए 1 मार्च 2027 की आधी रात को आधार तारीख मानकर की जाएगी। हालांकि, ठंडे और बर्फबारी वाले इलाकों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। यह फैसला इन क्षेत्रों में जनगणना कर्मचारियों और नागरिकों की सुविधा के लिए लिया गया है।

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यह नई अधिसूचना 2019 में जारी पुराने आदेश को रद्द करती है, जो कि COVID-19 महामारी के कारण स्थगित हो गई थी। सरकार की इस पहल से देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और विभिन्न योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे, जिससे नीति निर्माण में काफी मदद मिलेगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही जनगणना की औपचारिक शुरुआत भी हो गई है। आपको बता दें कि साल 1872 में जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से यह 16वीं जनगणना होगी, जबकि आजादी के बाद यह 8वीं जनगणना है।

दो चरणों में पूरी होगी जनगणना 2027 की प्रक्रिया

साल 2027 में होने वाली जनगणना, 2011 की तरह ही दो चरणों में पूरी की जाएगी:

  1. पहला चरण: मकानों की गणना के चरण में हर परिवार के घर की स्थिति, उसमें उपलब्ध सुविधाएं (जैसे शौचालय, पानी, बिजली) और संपत्ति से जुड़ी जानकारियां जुटाई जाएंगी। इससे देश में आवास और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का पता चलेगा।
  2. दूसरा चरण: जनसंख्या गणना इस चरण में हर घर में रहने वाले व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जरूरी जानकारियां हासिल की जाएंगी।

इस दो-चरणीय प्रक्रिया से सरकार को देश की जनसंख्या और जीवन स्तर से जुड़ी पूरी तस्वीर मिलेगी, जिससे विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं बनाना और प्रभावी नीतियां तैयार करना आसान होगा। यह डेटा विकास परियोजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण आधार का काम करेगा।

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