एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जल्द दौड़ेंगी नमो भारत और मेरठ मेट्रो

-सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में आएगी नई क्रांति

गाजियाबाद, 20 मई (हि.स.)। एक अनूठी पहल के तहत देश में पहली बार एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर इंटरसिटी यानी दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाली सेमी-हाई-स्पीड ‘ट्रेन नमो भारत और मेरठ शहर में चलने वाली मेरठ मेट्रो, जल्द दौड़ती नजर आएंगी। ये भारतीय परिवहन परिदृश्य में नई क्रांति हाेने जा रही है। अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली और अनुकूलित समय-सारणी से नमो भारत और मेरठ मेट्रो – दिल्ली, मेरठ व आसपास के क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को नया आयाम देंगी, जिससे तीव्र, सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा संभव होगी तथा लाखों लोग इससे लाभान्वित होंगे।

एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि नमो भारत की अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है जो फिलहाल दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक संचालित हो रही है। वहीं, देश की सबसे तेज मेट्रो- मेरठ मेट्रो 120 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलने में सक्षम है जो मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो तक 13 स्टेशनों के बीच संचालित होगी जिससे न सिर्फ लोगों के यात्रा समय में भारी बचत होगी बल्कि जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। एक ही बुनियादी ढांचे पर दोनों परिवहन साधनों का संचालन एक महत्वाकांक्षी परियोजना है और भारतीय परिवहन क्षेत्र में बड़े बदलाव का प्रतीक है। आने वाले समय में देश के अन्य शहरों में भी यह मॉडल देखने को मिलेगा।

एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सुचारू संचालन के लिए, नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों की अनुकूलित समय-सारणी बनाई जाएगी। नमो भारत ट्रेन फिलहाल हर 15 मिनट में उपलब्ध है, जो सराय काले खां से मोदीपुरम तक के पूरे कॉरिडोर के संचालन के बाद 10 मिनट तक होने की संभावना है। मेरठ मेट्रो की फ्रीक्वेंसी संभवत: 7 मिनट की रहेगी।

नमो भारत व मेरठ मेट्रो एक आधुनिक परिवहन प्रणाली है जिसका संचालन केंद्रीयकृत परिचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) से होता है। एनसीआरटीसी ने दुनिया में पहली बार एलटीई बैकबोन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) से एकीकृत करते हुए यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल-2 को लागू किया है, जिसमें ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन (एटीपी) और ऑटोमेटिक ट्रेन सुपरविजन (एटीएस) सब-सिस्टम शामिल हैं। एटीपी एक सुरक्षा प्रणाली जो यह सुनिश्चित करती है कि ट्रेनें सुरक्षित गति सीमा और सिग्नल अनुपालन के भीतर संचालित हों। वहीं, एटीएस समय-सारिणी का पालन बरकरार रखने और व्यवधानों को न्यूनतम करने के लिए ट्रेन परिचालन की निगरानी और नियंत्रण की प्रणाली है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर को भी ईटीसीएस सिग्नलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत किया गया है।

ट्रेन शेड्यूल बनाते हुए एनसीआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा है। मेरठ में ऐसे स्टेशनों पर आइलैंड प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की गई है, जहां मेरठ मेट्रो और नमो भारत का ठहराव होगा। एक तरफ नमो भारत और दूसरी तरफ मेरठ मेट्रो मिलेगी, आप एक से उतरकर सामने वाले प्लेटफॉर्म से दूसरी ट्रेन पकड़ सकते हैं। एक ही दिशा में जाने के लिए यात्रियों को ज्यादा चलने की असुविधा नहीं होगी।

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