मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय के सिविल लाइंस थाना पुलिस ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला जलाने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में 30 से अधिक हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सिविल लाइंस थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) संजय कुमार सिंह ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत हिंदू क्रांति सेना के राष्ट्रीय महासचिव मनोज सैनी सहित आठ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है, जबकि 25 अज्ञात हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

एसआई देवकी नंदन द्वारा पुलिस में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि शुक्रवार को निषेधाज्ञा के दौरान कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला और स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला जलाया। ये कार्यकर्ता स्वामी प्रसाद मौर्य की कुछ टिप्पणियों का विरोध कर रहे थे। मौर्य की हाल की टिप्पणियों ने विवाद पैदा कर दिया है।

अगस्त के आखिरी सप्ताह में मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर कहा,”ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है…।” इसके पहले रामचरित मानस की एक चौपाई पर अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य चर्चा में रहे थे।

 

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