उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हाल ही में मुख्तार अंसारी के गैंग के प्रमुख शूटर अनुज कनौजिया को झारखंड के जमशेदपुर में एक एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया। इस घटना ने राज्य में अपराधियों के खिलाफ चल रही पुलिस की सख्त कार्रवाई को एक बार फिर से उजागर किया है। पुलिस के अनुसार, अनुज पर मऊ पुलिस ने 2.50 लाख रुपए का इनाम रखा था, क्यूंकि वह हत्या, लूट और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल था। उसके खिलाफ कुल 23 आपराधिक मामले दर्ज थे, जो उसके आपराधिक रिकार्ड को बयां करते हैं।
अनुज कनौजिया के पिता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उनका बेटा हमेशा जान को खतरे में डालकर जीता था। उन्होंने कहा, “मुठभेड़ें बहुत कम होती हैं और पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के मेरे बेटे को गोली मारकर नष्ट कर दिया।” पिता का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि अनुज के अपराधी जीवन के पीछे एक लंबी और दर्दनाक कहानी हो सकती है। हालांकि, पिता के इस बयान में पिता का दर्द साफ झलक रहा था, जो अपने बेटे के जीवन को लेकर चिंतित थे।
अपराध के इस जीवन में अनुज की पत्नी भी शामिल है, जो रंगदारी के एक मामले में जेल में बंद है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर अनुज जैसे युवा क्यों इस अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं। उनकी कहानी में युवा वर्ग के सामने मौजूद चुनौतियों, दबावों और सामाजिक परिस्थितियों का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
जैसे ही अनुज की कहानी को आगे बढ़ाया जाता है, यह साफ होता है कि वह महज एक अपराधी नहीं था बल्कि उसके जीवन की परिस्थितियाँ उसे इस मार्ग पर ले आई थीं। उसकी परिस्थितियों ने उसे विवश कर दिया था कि वह अपराध की ओर भागे। इस मामले में गहन अध्ययन और विश्लेषण की आवश्यकता है, ताकि समझा जा सके कि सिस्टम में क्या कमी है जिससे युवा इस प्रकार के रास्ते पर चलने को मजबूर होते हैं।
युवाओं को प्रेरित करने और अपराध की दुनिया से दूर रखने के लिए सही शिक्षा, मार्गदर्शन और संरचना की आवश्यकता है। ऐसी घटनाएँ समाज के लिए एक चेतावनी हैं कि हमें मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य के पीढ़ियों को ऐसे खतरनाक रास्तों से बचाया जा सके। अनुज कनौजिया की कहानी एक बार फिर से इस तथ्य को उजागर करती है कि किस प्रकार समाज, परिवार और व्यक्तिगत चुनाव एक व्यक्ति के जीवन को आकार देते हैं।