गैंगस्टर मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन एमपी/एमएलए न्यायालय ने 10 साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगाया है। मुख्तार के सहयोगी सोनू यादव को पांच साल की सजा मिली है। सोनू पर भी कोर्ट ने 2 लाख का जुर्माना ठोका है। एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने सजा सुनाई है।

इस दौरान अभियोजन की तरफ से 11 गवाह पेश किए गए। वकीलों ने बताया कि 51 तारीखों में यह फैसला आया है। कोर्ट ने पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। सुनवाई के लिए मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश किया गया।

मुख्तार के वकील लियाकत का कहना है कि यह केस मेंटेनेबल नहीं है, हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे और उम्मीद है कि हमें वहां से न्याय मिलेगा।

ज्ञात हो कि 2009 में करंडा थाना क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत करंडा थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था। लंबे समय से इस मामले में सुनवाई चल रही थी।

7 अक्टूबर को मुख्तार अंसारी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए और सोनू यादव का बयान दर्ज हुआ था। इसके बाद बहस के लिए 11 अक्टूबर की तिथि तय की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।

17 अक्टूबर को अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव, मुख्तार अंसारी एवं सोनू यादव के अधिवक्ताओं ने अपना-अपना तर्क दिया था। न्यायालय ने 26 अक्टूबर को निर्णय सुनाते हुए मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी पाया। साथ ही सजा की बिंदु पर सुनवाई और सजा निर्धारण के लिए 27 अक्टूबर की तिथि तय की थी।

इससे पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया था। इस मामले में मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था।

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