पंजाब और हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जमावड़ा बुधवार को भी हरियाणा की सीमाओं पर जारी रहा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने की तैयारी में हैं। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए, दोनों राज्यों ने अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए जेसीबी, पोकलेन, टिपर या अन्य भारी अर्थमूविंग उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर पटियाला जिले में हरियाणा पुलिस के कंक्रीट बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए लोहे की चादरों से ढके कई ट्रैक्टरों को तैनात किया था।

किसान यूनियन नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है। यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बैठक के बाद की। तीन केंद्रीय मंत्रियों – पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय – के एक पैनल ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को पाँच साल का प्रस्ताव दिया था।

मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आगे बातचीत करने की अपील करते हुए मुंडा ने कहा, “हम अच्छा करना चाहते हैं, और ऐसा करने के लिए कई राय दी जा सकती हैं। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा।” ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च से ठीक पहले किसान नेता पंढेर ने कहा, “हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए एमएसपी गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें।” उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रखेंगे और यदि कोई हिंसा होती है तो सरकार जिम्मेदार होगी।”

एक अन्य किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने युवाओं से नियंत्रण न खोने की अपील करते हुए कहा, ”हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है। हमने 7 नवंबर से दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया है। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे। नहीं तो हमारी मांगें मान लें। हम शांत हैं। अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे। हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं।”

वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन कृपया किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए MSP गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें। ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा। हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने कौन सा अपराध किया है? हमने आपको प्रधानमंत्री बनाया है। हमने कभी नहीं सोचा था कि ताकतें हम पर इस तरह जुल्म करेंगी। कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें, ये हमारा अधिकार है।”

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights