मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर मंथन का दौर जारी है। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और संभावना है कि 11 दिसंबर को विधायक दल की बैठक होगी।
इससे पहले नेताओं की आपसी मेल मुलाकात बढ़ गई है और इन मुलाकातों ने कयासों को पंख लगा दिए हैं। राज्य में भाजपा को 230 विधानसभा सीटों में से 163 पर जीत मिली है। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह अब भी सवालों में बना हुआ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कुर्सी पर बने रहेंगे या उनकी जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लेंगे या किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा।
11 दिसंबर को विधायक दल की बैठक हो सकती है और इसी बैठक में मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला होगा। इस बैठक से पहले दिल्ली हो या भोपाल तमाम बड़े नेताओं की बैठकें हो रही हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि तमाम दावेदार अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग में जुटे हुए हैं। खुले तौर पर कोई भी नेता कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, हां हर नेता यही कह रहा है कि पार्टी में किसी तरह की खींचना नहीं है और सर्वसम्मति से नेता का चयन होगा।