मोदी का नया भारत किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है : बांसुरी स्वराज

वाराणसी, 24 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा की युवा नेत्री और दिल्ली सांसद बांसुरी स्वराज ने पहलगाम आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी का नया भारत है जो ना झुकता है, ना रूकता है और ना थमता है। उन्होंने कहा कि यह मोदी का नया भारत है जो निर्भीक है निडर है। यह मोदी का नया भारत है कि किसी भी आतंकी के सामने घुटने नहीं टेकता।

बांसुरी स्वराज गुरूवार को यहां भाजपा महिला मोर्चा की ओर से चेतगंज स्थित आर्य महिला महाविद्यालय के ज्ञानानंद सभागार में आयोजित “एक राष्ट्र एक चुनाव” विषयक सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी। महिला सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता सांसद बांसुरी ने कहा कि किसी भी चुनौती का भारत ढृढ़ता के साथ सामना करता है, मुंहतोड़ जवाब देता है, राष्ट्रहित में फैसला लेता है।

कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों को मौन श्रद्वांजलि देने के बाद सांसद बांसुरी ने कहा कि कार्यक्रम के पूर्व जो हम लोगों ने 2 मिनट का मौन रखा है, यह मौन मेरी बहनों ने मेरे साथ केवल श्रद्धांजलि के रूप में नहीं रखा है बल्कि यह मौन हमने प्रतिज्ञा के रूप में लिया है। प्रतिज्ञा यह है कि ना हम डरेंगे ना हम भूलेंगे और ना छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि मैं यहां न तो सांसद धर्म निभाने आई हूं और ना राजनीति धर्म निभाने आई हूं, मैं तो बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने आई हूं। बांसुरी ने मंच से नीचे आकर महिलाओं के बीच “एक राष्ट्र एक चुनाव” की चर्चा की। बांसुरी ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव नीति है – विचार है – समाधान है। देश को बार-बार के चुनाव प्रक्रिया से छुटकारा देकर हम एक ही बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाएंगे। उन्होंने महिलाओं के बीच जाकर समझाया कि एक परिवार के भाइयों की एक साथ शादी एक ही मंडप में, एक ही साथ करेंगे तो इसे खर्च बचेगा, लोंगो के तान सुनने से बचेंगे।

उन्हाेंने “एक राष्ट्र – एक चुनाव” के लाभ को गिनाते हुए कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों पर होने वाला भारी खर्च (जीडीपी का लगभग 1.5फीसद) कम होगा, जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा। लगातार चुनावों के कारण प्रशासन और सुरक्षा बलों पर पड़ने वाला बोझ कम होगा, जिससे वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान दे सकेंगे। नीति स्थिरता, लंबे समय तक नीतिगत निर्णयों में निरंतरता बनी रहेगी, क्योंकि सरकारें बार-बार चुनावी मोड में नहीं होंगी। एक साथ चुनाव होने से मतदाताओं में भ्रम कम होगा और मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है।

बांसुरी ने कहा कि बार-बार चुनावों से होने वाली राजनीतिक अस्थिरता और क्षेत्रीय मुद्दों पर अत्यधिक ध्यान कम होगा, जिससे राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने चुनाव के दौरान लगने वाली आचार संहिता का उल्लेख किया और कहा कि यह विकास में स्पीड ब्रेकर का काम करती है। बार-बार चुनाव होने से विकास के कार्यों में बाधाएं आती है। उन्होंने महिलाओं को संकल्प दिलाया कि हम राष्ट्र के हित में हमेशा साथ खड़े होकर “एक राष्ट्र एक चुनाव” का समर्थन करेंगे। हम इस लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के लिए अपना योगदान केवल मतदान से नहीं बल्कि विचारों का आदान-प्रदान करके संवाद से इस लोकतंत्र को और ज्यादा गूढ़ और मजबूत करेंगे। तथा तीसरा संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम एक राष्ट्र एक चुनाव की विचारधारा को खुद इसके ध्वजवाहक बनकर एक-एक घर एक-एक गली तक पहुंचाएंगे।

सम्मेलन में नेहा कक्कड़, लक्ष्मी सिंह व श्वेता शर्मा ने वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया। अतिथि का परिचय कार्यक्रम संयोजक डॉ रचना अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर कुसुम चंद्रा, संचालन आर्य महिला पीजी कॉलेज संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया मिश्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष नम्रता चौरसिया ने दिया।

इस दौरान भाजपा के वाराणसी महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, पूर्व महापौर मृदुला जायसवाल, निर्मला सिंह पटेल, पूजा दीक्षित, महानगर मीडिया प्रभारी किशोर सेठ, प्रीति पुरोहित आदि की मौजूदगी रही।

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