केंद्र सरकार ने रविवार 31 दिसंबर को नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है। केंद्र सरकार ने अरविंद पनगढ़िया को 16वें वित्त आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव ऋत्विक रंजन पांडेय आयोग के सचिव पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद पनगढ़िया को अध्यक्ष बना रहे हैं। इसके साथ ही वित्त आयोग का गठन करके प्रसन्न भी है। नए गठित आयोग के सदस्यों को भी अलग से अधिसूचित किया जाएगा।

बता दें कि नव गठित वित्त आयोग एक अप्रैल, 2026 से अगले 5 साल के लिए सिफारिशें देगा। इस आयोग को 31 अक्टूबर 2025 तक राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। बता दें कि वित्त आयोग केंद्र और राज्य के बीच राजस्व वृद्धि के उपाय सुझाता है। इसके अलावा आपदा प्रबंधन पल के वित्त पोषण की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करने की जिम्मेदारी भी होगी। गौर तलब है कि वित्त आयोग एक संविधान एक संस्था है। इसका मुख्य काम केंद्र और राज्य को वित्तीय संबंधों पर सुझाव देना होता है।

आयोग पांच साल की अवधि (2026-27 से 2030-31) के लिए अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 तक राष्ट्रपति को सौंपेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने 16वें वित्त आयोग के संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को मंजूरी दी थी। वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्तांतरण और राजस्व वृद्धि के उपायों का सुझाव देने के अलावा आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करेगा। वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों पर सुझाव देता है। एन के सिंह की अगुवाई वाले पूर्ववर्ती 15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की थी कि राज्यों को पांच साल की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान केंद्र के विभाज्य कर पूल का 41 प्रतिशत दिया जाए।

डॉ अरविंद पनगढ़िया को भारत सरकार ने मार्च 2012 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। 30 सितंबर 1952 को जन्में अरविंद ने विश्व बैंक, आईएमएफ, अंकटाड जैसी कई विश्व स्तरीय संस्थानों में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी है। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। दो पनगढ़िया अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं। हाल ही में उन्हें नालंदा विश्वविद्यालय का कुलाधिपति नियुक्त किया गया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights