संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मॉब लिंचिंग पर कानून को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करेगी। साथ ही राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। बता दें कि मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) उस कहते हैं जब कोई भीड़ किसी व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दे।
बता दें कि मॉब लिंचिंग पर कानून लाकर मोदी सरकार ने एक बार फिर से विपक्ष के हाथ से बड़ा मुद्दा छीन लिया है। दरअसल, विपक्ष हमेशा से आरोप लगाता आया है कि मॉब लिंचिंग को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है। विपक्ष का कहना था कि सरकार कानून न लाकर मॉब लिंचिंग को बढ़ावा दे रही है। खासकर AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी कहा था कि मोदी सरकार में 85 फीसदी मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। लेकिन अब अमित शाह ने कानून लाने की बात कहकर विपक्ष को जोरदार झटका जरूर दे दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड, एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड। इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 प्रस्थापित होगी और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम होगा।
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि अंग्रेजों द्वारा गुलामी की निशानी से भरे हुए लाए गए कानूनों को हम हटा रहे हैं और दंड देने वाले नहीं, बल्कि न्याय दिलाने वाले कानून हम ला रहे हैं। ये नए कानून संसद की गृह मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाएगा। जल्द ही इसे संसद से पास कराया जाएगा।