40 विधानसभा सीट वाले मिजोरम के एक मात्र भाजपा विधायक बुद्ध धन चकमा के सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मौसूदा विधानसभा कार्यकाल के समाप्त होने के बाद वह संन्यास लेंगे। बता दें कि पेशे से डॉक्टर चकमा पिछले 15 साल से अधिक समय से राजनीति में हैं।
भाजपा विधायक बुद्ध धन चकमा ने पहली बार 2008 में स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज कराई थी। इसके बाद चकमा ने साल 2013 और 2018 में दो विधानसभा चुनाव लड़ा और जीते। इंडिया टीवी की खबर के मुताबिक, चकमा 2013 से 2017 तक कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे।
कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए साल 2014 में चकमा ने घोषणा की थी कि वह पचास साल की उम्र में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस दौरान चकमा ने कहा,
मैंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है, क्योंकि मैं 50 साल का हो गया हूं। मैं अपने परिवार और अन्य सामाजिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। मैं युवाओं को भी मौका देना चाहता हूं जो अधिक ऊर्जावान हैं।
पेशे से डॉक्टर और भाजपा विधायक चकमा ने कहा कि वह अपनी मेडिकल प्रैक्टिस फिर से शुरू करेंगे और शिक्षा क्षेत्र में भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने नेता से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे पद से मुक्त किया जाए। हालांकि, मैं पार्टी (भाजपा) में बना रहूंगा।
वहीं, दूसरी तरफ बुद्ध धन चकमा का रिटायरमेंट बीजेपी के लिए झटका है, जो मिजोरम में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। राज्य विधानसभा में पार्टी का वर्तमान में केवल एक विधायक है। हालांकि, चकमा ने कहा कि वह भाजपा के सदस्य बने रहेंगे और मिजोरम में पार्टी को बढ़ने के प्रयासों में वह साथ देंगे।
मिजोरम में अगला विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होना है। यह देखना बाकी है कि भाजपा चकमा के निर्वाचन क्षेत्र में किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।