न्यूटिमा अस्पताल और सपा विधायक अतुल प्रधान का मामला सोमवार को फिर से तूल पकड़ गया। न्यूटिमा के खिलाफ अतुल कलक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठ गए। वहीं मेरठ विकास प्राधिकरण ने नोटिस की तिथि पूरी होने पर आज अस्पताल के बेसमेंट में सील लगाने के निर्देश दिए हैं। इस पर आईएमए ने भी मोर्चा खोल दिया है। चिकित्सकों ने कहा कि प्राधिकरण न्यूटिमा अस्पताल को व्यवस्था बनाने के लिए तीन सप्ताह का समय दे। अगर समय नहीं मिला और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई की तो सभी चिकित्सक प्राधिकरण उपाध्यक्ष को अस्पतालों और क्लीनिकों की चाभी सौंपकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

वहीं आईएमए के हड़ताल पर जाने के एलान से पुलिस और सीएमओ बैकफुट पर आ गया। न्यूटिमा हॉस्पिटल के बेसमेंट की सीलिंग कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। मेरठ विकास प्राधिकरण ने पुलिस फोर्स न मिलने से कार्रवाई स्थगित करने की बात कही है। सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन ने भी 15 दिन का वक्त मांगा है। छह दिसंबर के चलते पुलिस प्रशासन ने भी फोर्स देने से इनकार कर दिया। बता दें कि मेरठ विकास प्राधिकरण ने न्यूटिमा के बेसमेंट को सील करने की तैयारी कर रखी थी। न्यूटिमा हॉस्पिटल प्रबंधन ने कमिश्नर के आदेशों को भी दरकिनार कर रखा है। आज मेडा को सीलिंग कार्रवाई करनी थी, लेकिन आईएमए के हड़ताल पर जाने के धमकी के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग बैकफुट पर आ गया।

 न्यूटिमा अस्पताल को सील करने के मामले में सोमवार को आईएमए के चिकित्सकों और नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बैठक की। आईएमए अध्यक्ष डॉ. संदीप जैन ने बताया कि दोनों संस्थाएं पिछले चार-पांच दिनों से प्रशासन के संपर्क में हैं।

न्यूटिमा अस्पताल को तीन सप्ताह का समय देने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि अस्पताल अपनी कंपाउंडिंग आदि की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे नियमित करा ले। अस्पताल में काफी मरीज भर्ती हैं। उन्होंने बताया कि निवेदन के बावजूद मेडा ने अस्पताल को सील करने का नोटिस दे दिया है। इससे चिकित्सक सकते में हैं।

आईएमए सचिव डॉ. तरुण गोयल ने बताया कि न्यूटिमा द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी वाद दायर कर दिया है, जिस पर सुनवाई नहीं होनी। इससे प्रशासन को भी अवगत करा दिया है। अगर तीन सप्ताह का समय नहीं दिया जाता तो नर्सिंग होम एसोसिएशन के 150 सदस्य और आईएमए के चिकित्सक अस्पताल और क्लीनिक बंद कर चाभी मेडा वीसी को सौंप देंगे।   मानकों के विपरीत चल रहे गढ़ रोड स्थित न्यूटिमा अस्पताल पर मेडा सख्त रवैया अपनाने की तैयारी में है। मेडा की ओर से अस्पताल को भेजे गए नोटिस की मियाद सोमवार को खत्म हो गई। सीलिंग की कार्रवाई के दौरान जिलाधिकारी और एसएसपी से फोर्स की मांग की गई। मेडा सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 28 नवंबर 2014 को न्यूटिमा अस्पताल का नक्शा स्वीकृत कराया गया था। लोअर बेसमेंट एवं अपर बेसमेंट में पार्किंग का प्रावधान किया गया था, लेकिन मौके पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा पार्किंग के स्थान पर मैनेजमेंट ऑफिस, पैथोलॉजी लैब व जांच केंद्र संचालित मिले। बेसमेंट का इस्तेमाल पावर हाउस के रूप में किया जा रहा है। इसलिए अस्पताल के खिलाफ 20 अक्तूबर 2021 को सीलिंग के आदेश दिए गए थे। अस्पताल संचालक की ओर से इसके खिलाफ वाद दायर किया गया था। जिसे 18 नवंबर 2022 को निस्तारित कर दिया गया। इसके तहत स्वीकृत मानचित्र में पार्किंग हेतु आरक्षित स्थल पर 40 प्रतिशत क्षेत्र में किए गए पार्टीशन को एक माह की अवधि के अंदर हटाने के निर्देश दिए गए थे। अस्पताल को 21 दिन का नोटिस दिया था, जिसकी मियाद सोमवार को खत्म हो गई। मेडा ने सीएमओ को पत्र भेजकर कहा है कि न्यूटिमा हेल्थ केयर प्रालि नर्सिंग होम में रोगियों का इलाज किया जा रहा है। प्राधिकरण की कार्रवाई से पहले मरीजों के स्वास्थ्य हित एवं जीवन रक्षा के तहत उन्हें स्थानांतरित किया जाना जरूरी है। इसके सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि सोमवार तक अस्पताल की ओर से न तो बेसमेंट में किए गए निर्माण हटाए और न ही किसी तरह का आवेदन किया गया। ऐसे में प्रभारी अधिकारी प्रवर्तन अर्पित यादव समेत समस्त परिवर्तन दल को निर्देश दिए गए, जिसके तहत अपर और लोअर बेसमेंट को सील करने के लिए व्यवस्था बनाने को कहा गया। सुबह टीम को थाना मेडिकल पहुंचने के निर्देश दिए गए थे लेकिन मंगलवार को सुबह से ही अस्पताल में चिकित्सकों को जमावड़ा लगने लगा और चिकित्सकों ने हड़ताल की चेतावनी दे डाली। इसके बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया।

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