मणिुपर हिंसा की जांच के लिए न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली 3 महिला जज की कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। ये वो ही कमेटी है जिसे बनाने का 7 अगस्‍त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि इस मामले पर अगली सुनवाई 25 अगस्‍त को होगी। इसके साथ ही सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन महिला जज द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद कहा कि इन रिपोर्ट्स की कॉपी इस केस से जुड़े वकीलों को दी गई है, ताकि वो अपने सुझाव दे सकें।

सर्वोच्‍च न्‍यायलय ने कहा कि गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तीन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है जिसे सुझााव के लिए केस से संबंधित वकीलों को सौंप दी गई है ।

सेवानिवृत्‍त न्यायमूर्ति गीता मित्तल पैनल ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बताया है कि मणिपुर के लोगों ने अपने जरूरी डॉक्‍यूमेंट खो दिए हैं जो उन्‍हें दोबारा जारी किए जाने की आवश्‍यकता है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि इसके साथ ही मुआवजा योजना में बदलाव किए जा सकते हैं।

वहीं कमेटी की तीसरी रिपोर्ट में डोमेन एक्‍सपर्ट की नियुक्ति के लिए समिति का प्रस्ताव दिया है। सीजीआई ने बताया कि पैनल की इन रिपोर्टों की कॉपी को सुझावों के वकीलों को सौंपा गया है और उनसे उस पर गुरुवार तक राय देने के लिए कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश बीते तीन महीनों से जातीय हिंसा की चपेट में रहे मणिपुर में जांच, राहत और उपचारात्मक उपायों, मुआवजे और पुनर्वास की जांच के लिए तीन सेवानिवृत्‍त महिला न्‍यायधीशों के गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट के कुछ दिन बाद आया है।

 

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