डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय द्वारा 5 अप्रैल को आयोजित फेयरवेल पार्टी में हुए हंगामे की जांच के तहत अब दो और छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। विश्वविद्यालय की जांच कमेटी ने कुलपति को सौंपी गई रिपोर्ट में चार छात्रों को दोषी पाया है, जिसके चलते इन सभी के खिलाफ निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस तरह के कदम से संस्थान की अनुशासनात्मक नीतियों को सख्ती से लागू करने का संकेत मिलता है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. शशांक शेखर ने बताया कि दोषी पाए गए छात्रों में एलएलबी के छात्र कार्तिकेय सिंह और एलएलएम के छात्र सम्यक शामिल हैं। दोनों छात्रों को विश्वविद्यालय से बाहर किया गया है। ये कदम उन छात्रों के लिए एक चेतावनी है जो ऐसे नकारात्मक व्यवहार में शामिल होते हैं। जांच कमेटी ने सभी संभव फुटेज को ध्यान से देखा और छात्रों के बयान भी दर्ज किए, जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि इन छात्रों ने अनुशासन का उल्लंघन किया है।
इसके पहले, हंगामे में शामिल दो छात्रों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिससे यह साफ है कि विश्वविद्यालय किसी भी तरह के अनुशासनात्मक उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने जल्दी ही कार्रवाई की, ताकि अन्य छात्रों के लिए एक स्पष्ट संदेश जा सके कि ऐसे व्यवहार के लिए कोई सहूलियत नहीं दी जाएगी।
इस प्रकार के घटनाक्रम विश्वविद्यालय की गरिमा को प्रभावित करते हैं और शिक्षण संस्थान में एक स्वस्थ और अनुशासित माहौल बनाए रखने की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना देते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और भविष्य में यह सुनिश्चित करने के लिए सही कदम उठा रहा है कि ऐसा व्यवहार पुनरावृत्ति न करे।
अंत में, छात्रों को यह समझने की आवश्यकता है कि वे विश्वविद्यालय का हिस्सा हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत छात्रों को प्रभावित करती हैं, बल्कि संपूर्ण विश्वविद्यालय की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में प्रशासन का यह कड़ा कदम अन्य छात्रों के लिए उदाहरण स्थापित करेगा और एक सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण के निर्माण में मदद करेगा।