लविप्रा के दहशत के बावजूद प्राइवेट कम्पनियां खेल रही आंख मिचौली
लखनऊ, 22 मई(हि.स.)। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के बुलडोजरों से शहर के चारों ओर प्लॉट, रो—हाऊस, रेडी टू मूव मकानों को बनाकर बेचने वाली प्राइवेट कम्पनियों के मालिक, प्रबंधक, एजेंट और सहकर्मी दहशत में है। लविप्रा के दहशत के बावजूद लखनऊ में प्राइवेट कम्पनियां आंख मिचौली खेल रही है।
लखनऊ में प्रवेश करने वाले पांच प्रमुख मार्गो पर इस वक्त धड़ल्ले से जमीनों की प्लॉटिंग का कार्य हो रहा है। इसमें कानपुर रोड पर बंथरा और उसके आसपास, आईआईएम रोड और उसके आसपास, कुर्सी रोड, सुल्तानपुर रोड और सीतापुर रोड पर स्थानीय प्रापर्टी डीलरों द्वारा प्लॉटों की खरीद बिक्री के बोर्ड लगे हुए है। आनलाइन माध्यम से भी प्रापर्टी डीलरों को अच्छे ग्राहक मिल जा रहा है।
कानपुर रोड पर तेरह से पन्द्रह सौ रूपये स्कवायर फीट के रेट से प्लॉट बेच रही कम्पनी के प्रबंधक मनीष ने बताया कि लोगों की आवश्यकता के अनुरूप जमीनों की प्लॉटिंग हो रही है। छोटे प्लॉट और बड़े प्लॉट दोनों उपलब्ध है। उनकी नई साइट कानपुर रोड से मोहन रोड वाले मार्ग पर है, जहां पंचायत से नक्शा पास कर वे जमीन बेच रहे हैं। प्राधिकरण की अपनी सीमा है, उनकी कार्रवाई का डर तो रहता ही है। फिर भी कोई ठोस आधार पर ही तो कार्रवाई होगी।
उन्होंने बताया कि लखनऊ में राजाजीपुरम, चौक जैसे पुराने मोहल्लों से बहुत सारे लोग उन्नाव एवं कानपुर रोड की ओर जमीन ले रहे है। उनका मकसद मनपसंद मकान में रहना है। जमीन के अनुसार वे मकान बनवा रहे हैं। हमारे पास जमीन पर मकान बनवाने का भी विकल्प उपलब्ध है।
कुर्सी रोड पर रेडी टू मूव मकानों को बेचने वाले मोहम्मद अयाज ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि जमीनों का रेट दिनरात बढ़ रहा है। इनवेस्टमेंट वाले लोग भी उनके पास आते है। जमीनों को जरूरतमंद के अलावा इनवेस्टर खोजते रहते हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के दायरे के बाहर होने के कारण किसी भी कार्रवाई से वे अभी तक बचे हुए हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कुकरैल पुलिया तक अपनी सीमा तय कर रखी है। उनकी नजर अभी आगे तक पहुंच नहीं सकी है।
— वायदा कम, दावा ज्यादा करने वाले वीरेन्द्र यादव की अनाधिकृत प्लाटिंग ध्वस्त
आईआईएम रोड पर सैदपुर गांव में पचास बीघा में अनाधिकृत प्लाटिंग कर लोगों को 10 लाख से लेकर पन्द्रह लाख तक की जमीनों को बेच रहे वीरेन्द्र यादव के यहां लखनऊ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर चल गया। वीरेन्द्र यादव ने प्लाटिंग के माध्यम से करोड़ों रूपये कमायें तो एजेंटों को लाखों रूपये कमवाने का वायदा कम, दावा ज्यादा किया। अभी प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन चार की जोनल अधिकारी वन्दना पाण्डेय ने प्लाटिंग को ध्वस्त कराया है।
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