दिल्ली हाई कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित एक मामले में व्यवसायी अमित अरोड़ा और अमनदीप सिंह ढल्ल को नियमित ज़मानत दे दी है। ईडी के इस मामले में अब सभी आरोपियों को ज़मानत मिल गई है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने फैसला सुनाया और ढल्ल और अरोड़ा द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। अरोड़ा को अगस्त में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी।
उन्हें 29 नवंबर, 2022 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। आरोपों के अनुसार, वह मनीष सिसोदिया का करीबी सहयोगी था, जो शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अवैध धन के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल था। दूसरी ओर, ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के व्यवसायी और निदेशक ढल को जून में सीबीआई मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। उन्हें 1 मार्च, 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया था। आरोप है कि ढल शराब नीति के निर्माण और आम आदमी पार्टी को रिश्वत देने में शामिल थे। भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
हाल ही में जस्टिस कृष्णा ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सह-आरोपी हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को जमानत दे दी। सीबीआई ने 17 अगस्त, 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था।