आगरा में मेना कोठी स्मारक बनाने की योजना तैयार की गई है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज को कुछ समय के लिए कैद रखा गया था। महाराष्ट्र सरकार ने इस महत्वपूर्ण स्थान के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्रारंभ कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत करेंगे। इसी बीच, उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने इस परियोजना के लिए कार्य योजना पर काम करना आरंभ कर दिया है। इससे पहले, योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मीना कोठी से संबंधित दस्तावेज और रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
कोठी मीना बाजार, आगरा के शाहगंज क्षेत्र में स्थित है और यहां बड़े राजनीतिक आयोजनों का अयोजन किया जाता है। यह टीले पर स्थित है और इसकी भव्यता देखने लायक है। द दैनिक भास्कर की टीम ने जब इस स्थान का अवलोकन किया, तो उन्हें एक 20 फीट ऊंची строठी इमारत देखने को मिली, जिसमें ब्रिटिश काल के लकड़ी के फ्रेम लगे हुए थे। कोठी में तीन परिवार केयर टेकर के रूप में निवास करते हैं, और इनमें से एक हरिओम शर्मा ने बताया कि वे पिछले 30 वर्षों से इस इमारत की देखभाल कर रहे हैं। कोठी का नाम ‘राजा जय किशन दास भवन’ है, लेकिन यह स्थिति अभी भी खाली है।
इतिहास के अनुसार, यह कोठी पहले अंग्रेजों के अधीन थी। यह स्थान 1803 में अंग्रेजों के कब्जे में आया, और 1837 में इसे गिराकर एक नई इमारत बनाई गई थी, जिसे गर्वनर हाउस के नाम से जाना जाता था। 1857 की क्रांति के बाद इस कोठी की नीलामी हुई और राजा जय किशन दास ने इसे खरीदा। अब यह संपत्ति पाठक वृंदावन चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम है।
छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास यहां की और भी महत्वपूर्ण कहानी है। होशियार औरंगजेब ने शिवाजी को कैद करने के लिए चाल चली थी, तथा उन्हें और उनके पुत्र संभाजी को 12 मई, 1666 को आगरा में बंदी बना दिया था। शोधकर्ताओं के अनुसार, शिवाजी को राजा जयसिंह के बेटे राम सिंह की छावनी के पास स्थित फिदाई हुसैन की हवेली में नजरबंद किया गया था। यह हवेली कोठी मीना बाजार के निकट थी, और आज भी ऐतिहासिक दस्तावेजों में इस स्थान को कटरा सवाई राजा जयसिंह के नाम से दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार शिवाजी के इस स्मारक के माध्यम से एक हिंदुत्व का प्रतीक बनाना चाहती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यूपी में शिवाजी म्यूजियम के माध्यम से एक राजनीतिक संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं। अगर यह म्यूजियम स्थापित होता है, तो यह न केवल महाराष्ट्र सरकार के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए भी 2027 के विधानसभा चुनाव में लाभदायक साबित हो सकता है। इसलिए, हाल के समय में उत्तर प्रदेश में शिवाजी महाराज के प्रति नारेबाजी बढ़ी है।
कोठी मीना बाजार से जुड़े इतिहास को जानने के लिए आगरा में लोग लगातार आ रहे हैं। इस स्थान पर आने वाले पर्यटक यहां केयर टेकर के सहयोग से शिवाजी महाराज से जुड़ी कहानियों को सुनने की कोशिश करते हैं। हरिओम शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से इस जगह को इंटरनेट पर उजागर किया गया है, जिसके चलते कई लोग यहां पहुंचते हैं। यहां का माहौल और ऐतिहासिक महत्व इसे एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में स्थापित कर रहा है।
इस प्रस्तुत योजना से यह स्पष्ट होता है कि इतिहास और राजनीति का रिश्ता गहरा है, और इसका प्रभाव आगामी चुनावों पर भी पड़ेगा।