दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने सीएम केजरीवाल के पक्ष में आए राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए ईडी (ED) पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले से ईडी के झूठ का किला ढह गया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले में राऊज एवेन्यू की ट्रायल कोर्ट ने गुरुवार को जो ऑर्डर दिया, उससे ईडी के केस की धज्जियां उड़ गईं। ईडी ने झूठ का किला खड़ा करकेे जो केस बनाया था, वह ढह गया। जज की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन के केस में भी ऐसी ही एक जज साहिबा थीं, जिनका नाम गीतांजलि गोयल था, उन्होंने भी जांच एजेंसियों से ऐसे ही सख्त सवाल पूछे थे, इसके बाद उन्हें केस से हटवा दिया गया था।
उन्होंने कहा कि ईडी ने ट्रायल कोर्ट की जज के लिए जिस तरह की भाषा बोली है, वह बेहद शर्मनाक है। जज ने ईडी से पूछा कि आप कह रहे हैं कि 40 करोड़ गोवा चुनाव में खर्च हो गया, तो 60 करोड़ कहां खर्च हुआ? भारद्वाज के मुताबिक जज के इस सवाल पर ईडी ने कहा कि जांच चल रही है। इस पर जज ने सवाल किया कि कब तक जांच चलेगी, तो ईडी ने कहा कि पता नहीं। ईडी के इस जवाब पर जज ने कहा कि अगर जांच हमेशा चलती रही, तो क्या अरविंद केजरीवाल हमेशा जेल में रहेंगे?
सौरभ भारद्वाज ने कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी का हवाला देते हुए कहा कि ऑर्डर में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि ईडी के पास गोवा चुनाव में 40 करोड़ खर्च होने के भी कोई सुबूत नहीं है। कॉपी में यह भी लिखा है कि ईडी ने जो तर्क दिया, वह बिल्कुल ही हास्यास्पद है। ऑर्डर कॉपी के अनुसार ईडी ने कोर्ट में कहा कि अगर किसी से गवाही लेनी है, तो उसे लॉलीपॉप या लालच देना होगा कि हम तुम्हें जेल नहीं भेजेंगे। जांच एक कला है।
सौरभ भारद्वाज के अनुसार ईडी के इस तर्क पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे तो कोई भी कलाकार किसी को कला के माध्यम से जेल भेज देगा। ये कैसी कला है जिसमें आप अपनी मर्जी से किसी बयान को मानेंगे और किसी बयान को नहीं मानेंगे, ये कानून संगत नहीं है। आर्डर कॉपी को पढ़ते हुए भारद्वाज ने कहा कि ईडी ने कोर्ट में एविडेंस के नाम पर मुख्यमंत्री की चैट होने कि बात कि है। चैट में सिर्फ “हैप्पी बर्थडे सर” लिखा है और उसका जवाब “थैंक यू” दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास कोई डायरेक्ट एविडेंस नहीं है, तो फिर आप मुख्यमंत्री को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं?
सौरभ भारद्वाज के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया है कि ईडी ने कोर्ट के सामने जो भी तथ्य या दलीलें रखी हैंं, उसे देखकर मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। ये पूरा का पूरा केस ही खत्म हो गया था, इसलिए पैनिक में ईडी के सबसे बड़े वकील हाईकोर्ट पहुंचे। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया है कि ट्रायल कोर्ट का लिखित आदेश अपलोड होने से पहले बेल ऑर्डर पर स्टे कैसे लगाई गई? इस तरह का मामला आज तक न देखने को मिला और न सुनने को मिला।