आगरा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के निवास पर हाल ही में करणी सेना द्वारा किया गया हमला एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। हमले के दौरान करणी सेना की एक रणनीति के तहत पुलिस को भ्रामक जानकारी दी गई, जिससे हजारों कार्यकर्ता तेजी से सांसद के घर तक पहुंच गए। रिपोर्टों के अनुसार, कुबेरपुर से सांसद के घर पहुंचने में करणी सेना के लगभग 800 सदस्यों को एक घंटे का समय लगा। जब पुलिस ने पहले बैरिकेडिंग पर बुलडोजर जब्त किए, तब आंदोलन के प्रमुख नेता अपनी गाड़ियों को बदलते रहे, जिससे पुलिस का ध्यान भटक गया और कार्यकर्ता अन्य रास्तों से सांसद के निवास तक पहुंचने में सफल रहे। इस पूरी स्थिति का परिणाम तोड़फोड़ और हंगामा के रूप में सामने आया, जिसके चलते आगरा पुलिस ने दो FIR दर्ज की।

करणी सेना ने कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने के लिए आगरा के एत्मादपुर थाने से लगभग 7 किमी दूर कुबेरपुर इंटरचेंज को चुना। यहां से कार्यकर्ताओं का आना-जाना आसान था, और इसके लिए उन्होंने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। बुधवार की सुबह 10 बजे से कार्यकर्ता इकट्ठा होने लगे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस का एक छोटा दल वहां तैनात था। जैसे ही कार्यकर्ताओं का एक समूह सांसद के निवास की ओर बढ़ा, करणी सेना के नेता ओकेंद्र राणा और वीरू प्रताप ने बुलडोजर की सहायता ली, जबकि उन्हें पुलिस की गतिविधियों के बारे में मोबाइल फोन के जरिए जानकारी मिल रही थी।

पुलिस ने छलेसर चौकी पर कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान कई कार्यकर्ता एक अलग रास्ते से सांसद के निवास की तरफ बढ़ गए। पुलिस का ध्यान ओकेंद्र और वीरू पर केंद्रित था, जिससे करणी सेना के अन्य सदस्य ट्रांस यमुना थाना क्षेत्र में दाखिल हो गए। जबकि यहां की चौकियों और बैरिकेडिंग के बावजूद, करणी सेना के कार्यकर्ता पुलिस के शिकंजे को तोड़कर आगे बढ़ने में सफल रहे। हंगामा बढ़ने पर, पुलिस ने सांसद के घर के सामने सुरक्षा बढ़ा दी थी, लेकिन करणी सेना ने अपनी रणनीति को बदलते हुए एक दूसरे रास्ते से प्रवेश किया।

हमले के बाद, सांसद रामजीलाल सुमन ने इसकी तीखी निंदा की और इस घटना को अपने परिवार के खिलाफ एक सुनियोजित हमले के रूप में बताया। पुलिस ने दोनों FIR में अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराएं लगाई हैं। पहले FIR सांसद के बेटे द्वारा दर्ज कराई गई थी, जबकि दूसरी पुलिस की ओर से की गई। पुलिस ने इस हमले के सिलसिले में 29 लोगों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया। घटना के बाद से सियासत गरमा गई है, और राज्यसभा में भी इस पर चर्चा हुई, जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सरकार पर हमला किया है कि वह दलित सांसद और उनके परिवार को भी सुरक्षा देने में असफल रही है।

अब, आगरा पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। हालांकि, अधिकारियों ने यह भी बताया कि पहले से ही स्थिति की जानकारी थी, लेकिन पुलिस की संख्या कम होने की वजह से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को रोकना संभव नहीं हो सका। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल पुलिस की तैयारी पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में बढ़ते राजनीतिक तनाव को भी उजागर किया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights