कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की आज की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया। पत्र में लिखा गया है कि अध्यक्ष जगदम्बिका पाल द्वारा समिति की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण ढंग से संचालित की गयी। अध्यक्ष द्वारा समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अनवर मनिप्पाडी को दिया गया निमंत्रण समिति के दायरे में नहीं है।
विपक्ष के सांसदों ने आरोप लगाया कि हम इस मामले में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं, और आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप समिति के अध्यक्ष को द्विदलीय होने और संसदीय मानदंडों को बनाए रखने के उनके कर्तव्य की याद दिलाएंगे। इससे पहले विपक्ष के कई सांसदों ने मंगलवार को वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन किया और आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है।
कल्याण बनर्जी, गौरव गोगोई, ए राजा, मोहम्मद अब्दुल्ला और अरविंद सावंत सहित विपक्षी सदस्य संसदीय समिति की बैठक से उठ कर बाहर चले गए। संसदीय समिति अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों के पक्ष सुन रही थी। करीब एक घंटे तक बैठक से दूर रहने के बाद विपक्षी सदस्य फिर से इसमें शामिल हुए। भाजपा सदस्यों का दावा था कि विपक्षी सदस्य समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को लेकर अशोभनीय टिप्पणी कर रहे थे। यह लगातार दूसरा दिन है जब विपक्षी सदस्यों ने मतभेद के बाद बैठक से बहिर्गमन किया है।