झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। चंपई के दिल्ली आगमन और उनके पोस्ट एक्स जिसमें उन्होंने निराशा व्यक्त की, ने संकेत दिया कि वह झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं। एक एक्स पोस्ट में, झामुमो नेताओं ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में “कटु अपमान” का अनुभव किया है और उनके लिए तीन विकल्प खुले हैं, जिसमें एक नया संगठन बनाना भी शामिल है।
उनकी एक्स पोस्ट दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद आई, जब पार्टी सुप्रीमो और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा में संभावित बदलाव की अटकलों के बीच भगवा पार्टी पर विधायकों को “खरीदने” और “समाज को विभाजित करने” का आरोप लगाया। इससे पहले चंपई सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा कि इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। चंपई सोरेन ने कहा कि पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।
उन्होंने सवाल किया कि क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? चंपई सोरेन ने दावा किया कि कहने को तो विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री का होता है, लेकिन मुझे बैठक का एजेंडा तक नहीं बताया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान मुझसे इस्तीफा मांगा गया। मैं आश्चर्यचकित था, लेकिन मुझे सत्ता का मोह नहीं था, इसलिए मैंने तुरंत इस्तीफा दे दिया, लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी चोट से दिल भावुक था। उन्होंने लिखा कि भावुक होकर वह आंसुओं को संभालने में लगे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन उन्हें (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिये बिना उनका हवाला देते हुए) सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिसके लिए हमने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र वह फिलहाल नहीं करना चाहते हैं। चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस दिन से लेकर आज तक, तथा आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।’’ चंपई सोरेन ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत लड़ाई है और वह नहीं चाहते हैं कि कोई अन्य पार्टी सदस्य इसमें शामिल हो या संगठन को कोई नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के बारे में कभी नहीं सोच सकता जिसे हमने अपने खून-पसीने से सींचा है। लेकिन परिस्थितियां ऐसी बना दी गई हैं कि…।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह सक्रिय होते तो चीजें अलग होतीं।’’ उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनहित में कई फैसले लिये हैं।