बेरोजगारी ऐसा मुद्दा है जिसको लेकर अक्सर विपक्षी पार्टियों की ओर से मोदी सरकार पर निशाना साधा जाता रहा है। कांग्रेस अक्सर केंद्र सरकार पर रोजगार को लेकर निशाना साधती रहती है। अब फारूक अब्दुल्ला ने भी जम्मू कश्मीर में नौकरी के मुद्दे को रेखांकित किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने होने के बाद, हमारी ज़मीनें और नौकरियां हमसे छीनी जा रही हैं। दूसरे राज्यों के लोगों को यहां नौकरियां दी जा रही हैं। यह आपकी ज़मीन है और आपके बच्चों को ये नौकरियां मिलनी चाहिए। हम वादा करते हैं कि हम 1 लाख युवाओं को रोजगार देंगे।

इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठंबधन किया है ताकि लोगों को विकल्प दिया जा सके और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति से बचा जा सके। गठबंधन में सीट बंटवारा समझौते के अनुसार, नेकां 51 सीट पर और कांग्रेस 32 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि एक सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को दी गई है। बाकी की छह सीट पर कांग्रेस और नेकां के बीच ‘दोस्ताना मुकाबला’ हो रहा है।

जम्मू कश्मीर के वोटिंग प्रतिशत को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र थे जहां मतदान प्रतिशत 2014 से कम रहा। उदाहरण के लिए नूराबाद (अब डी एच पोरा) खंड में 2014 में 80 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार यह 20 प्रतिशत कम (68 प्रतिशत) था। वर्तमान सरकार को इस बारे में सोचना होगा कि इस बार कोई बहिष्कार नहीं होने के बावजूद ऐसा क्यों हुआ, लेकिन उनके अनुसार सब कुछ सामान्य है।

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